Kota News: कोटा में RSS ने मनाया विजयदशमी का उत्सव, हजारों स्वयंसेवकों ने निकाला पथ संचलन
कोटा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 97 वर्ष व विजयदशमी के उपलक्ष में संघ का विजय शक्ति संगम उत्साह के साथ पूर्ण गणवेश में कदम से कदम मिलाकर स्वयंसेवकों द्वारा निकाला गया.
Rajasthan News: कोटा (Kota) शहर में आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का विजय शक्ति संगम उत्साह के साथ पूर्ण गणवेश में कदम से कदम मिलाकर स्वयंसेवकों द्वारा निकाला गया. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 97 वर्ष व विजयदशमी के उपलक्ष में निकाले गए पथ संचलन में हजारों की संख्या में स्वयंसेवक कदम से कदम मिलाकर मन में राष्ट्रभक्ति का जज्बा लिए एक साथ एक समय पर और एक ही स्थान पर मिले. वहां से त्रिवेणी संगम के रूप में ब्रजराज गार्डन पहुंचे जहां पर संघ के पदाधिकारियों द्वारा शस्त्र पूजन किया गया.
तीन स्थानों से निकाला गया पथ संचलन
महानगर संघचालक गोपाल गर्ग ने बताया कि कार्यक्रम के तहत कोटा शहर में तीन स्थानों से एक साथ पथ संचलन निकाला गया. पथ संचलन तालाब की पाल और नेहरु पार्क खेडली फाटक से शुरु हुए. इसके लिए स्वयंसेवक सुबह 7:15 पर नियत स्थान पर जुटे. उन्होंने बताया कि केशव प्रवाह का संचलन सुबह 8.15 पर धार का अखाड़ा, किशोरपुरा से प्रारंभ हुआ. जो साबरमती कॉलोनी, केथूनीपोल, लाल बुर्ज, सुभाष चौक, चार खंभा, रामपुरा कोतवाली, विक्रम चौक, लाड़पुरा, खाई रोड, विवेकानंद चौराहा, नयापुरा स्थित नवल सर्किल पहुंचा.
इन जगहों से होकर गुजरा
वहीं माधव प्रवाह का पथ संचलन किशोर सागर तालाब की पाल से सुबह 8.28 बजे रवाना हुआ. जो समता भवन, जयपुर गोल्डन, गांधी चौक होता हुआ रामपुरा पहुंचा. जहां 8 बजकर 40 मिनट पर केशव प्रवाह में विलीन हुआ. उन्होंने बताया कि मधुकर प्रवाह का पथ संचलन नेहरू पार्क खेड़ली फाटक से सुबह 8.25 बजे शुरु हुआ. जो गांवडी मोड, सिविल लाइन, दोस्तपुरा, बृजराज भवन, बग्घी खाना, खरोरीवाल हॉस्पिटल, सूचना भवन, ग्लोब सर्किल होते हुए नयापुरा स्थित नवल सर्किल पर केशव -माधव प्रवाह के साथ मिला. इसके बाद तीनों प्रवाह विजय शक्ति संगम करते हुए अदालत चौराहे से बृजराज गार्डन पहुंचें.
जगह-जगह हुआ भव्य स्वागत
गोपाल गर्ग ने बताया कि स्वयंसेवक पथ संचलन में काली टोपी, सफेद शर्ट, बेल्ट, पेंट, मौजे, काले जूते और दंड लेकर पूर्ण गणवेश में उपस्थित हुए. संचलन के दौरान सभी कार्यकर्ता कदम से कदम मिलाकर चलें. वहीं आणक, बैंड, झांझ, वंशी, समेत घोष के विभिन्न वाद्य यंत्रों की मधुर स्वर लहरियां भी गुंजायमान रही. पथ संचलन का स्वागत द्वार लगाकर व पुष्प वर्षा कर जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया. कोटा शहर को रंग बिरंगे स्वागत द्वारों से सजाया गया. इसके साथ ही जनप्रतिनिधि व आमजन द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई. भारत माता के जयकारे देशभक्ति के उद्घोष गुंजायमान रहे.
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