Kota News: सरकारी नौकरी करने वाला बेटा नहीं देता था मां को पैसे, फिर SDM ने जो कदम उठाया वो...
Rajasthan News: समझाईश की गई और निर्णय लिया कि राजेन्द्र अपनी मां को हर महीने 3 हजार रुपए यानी सालाना कुल 36 हजार रुपए उसकी स्वयं की जरूरत को पूरा करने के लिए देगा.
Kota: राजस्थान के कोटा में अपने ही बेटे से परेशान मां ने भरण पोषण के लिए एसडीएम को शिकायत की. कनवास उपखण्ड अधिकारी राजेश डागा द्वारा बेटे को सम्मन भेजकर बुलाया गया. समझाईश किए जाने पर गांव मादंल्याहेड़ी निवासी द्वारक्या बाई को भरण-पोषण का अधिकार दिलाया गया. उपखण्ड अधिकारी ने बताया कि द्वारक्या बाई ने प्रार्थना पत्र पेश कर निवेदन किया कि उसके दो बेटे हैं, बड़ा बेटा गांव में ही खेती-बाड़ी का काम संभालता है. जबकि छोटा बेटा जालौर में सरकारी सेवा में कार्यरत है. द्वारक्या बाई अपने बड़े बेटे के साथ ही रहती हैं और बड़े बेटे के द्वारा ही उसकी देखरेख की जाती है. जबकि छोटे बेटे के द्वारा न तो उसकी देखरेख की जाती है और ना ही उसके गुजारे के लिए पैसे भिजवाए जाते हैं.
फोन पर ही छोटा बेटा मां के पूछ लेता था हालचाल
एसडीएम ने संज्ञान लेते हुए प्रार्थना पत्र को रजिस्टर में दर्ज किया और द्वारक्या बाई के छोटे बेटे राजेन्द्र को जर्ये सम्मन तलब किया. दोनों मां-बेटे कोर्ट में उपस्थित हुए. उन्होंने बताया कि उसके बेटे द्वारा कहा गया कि नौकरी ज्यादा दूर होने के कारण उसका यहां आना-जाना नहीं होता, जिस कारण केवल वह फोन पर ही मां के हाल-चाल पूछ लेता है. साथ ही उनके हिस्से की सारी जमीन उसके बड़े भाई द्वारा ही की जाती है, जिस कारण खर्चे-पानी की सभी जिम्मेदारी बड़े भाई की ही है.
मैंने लोन ले रखा है, इसलिए नहीं भेजता पैसे
छोटे बेटे राजेन्द्र ने बताया कि मेरे द्वारा मकान बनाने के लिए लोन ले रखा है, इसलिए मैं ज्यादा खर्चा वहन नहीं कर सकता हूं. इस दौरान समझाईश की गई और निर्णय लिया कि राजेन्द्र अपनी मां को हर महीने 3 हजार रुपए यानी सालाना कुल 36 हजार रुपए उसकी स्वयं की जरूरत को पूरा करने के लिए देगा. राजेन्द्र 3000 रुपए जुलाई महीने से देना शुरू करेगा. इस पर मां के चेहरे पर खुशी झलक उठी, वहीं बेटे को भी अपनी जिम्मेदारी का अहसास हुआ.