Kota Suicide: कोटा में जिला प्रशासन ने छात्र आत्महत्या मामले में 4 कमरे सीज किए, जानिए क्या है वजह?
Kota Suicide Case: कोटा जिला प्रशासन ने कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए 4 कमरें सीज किए हैं. स्टूडेंट की जान जाने का कारण पंखे पर हैंगिंग डिवाइस का नहीं होना बताया जा रहा है.
Kota Suicide case: कोटा जिला प्रशासन ने कोचिंग स्टूडेंट सुसाइड मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए जहां बच्चे ने सुसाइड किया था वहां चार कमरों को सीज कर दिया है. अनियमितता पाए जाने के बाद प्रशासन ने यह कार्रवाई की है साथ ही इस प्रकरण में एडीएम सिटी की अदालत में मामला भी दर्ज कराया है.
शहर के महावीर नगर तृतीय क्षेत्र में किराए से रह रहे कोचिंग छात्र द्वारा गुरूवार को आत्महत्या करने के प्रकरण में जिला प्रशासन के निर्देश पर किए गए निरीक्षण के दौरान पंखे पर एंटी हैंगिंग डिवाइस लगी हुई नहीं पाए जाने तथा अन्य अनियमितताओं को देखते हुए मकान के चार कमरों को सीज कर दिया गया है. इस मामले में अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर) की अदालत में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई.
24 घंटे में पालना रिपोर्ट पेश करने के आदेश
जांच रिपोर्ट के आधार पर अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने धारा 133 सीआरपीसी के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए महावीर नगर तृतीय स्थित मकान संख्या 4-आई-11 के चारों कमरे सीज करने के साथ ही उपायुक्त नगर निगम दक्षिण एवं थानाधिकारी महावीर नगर को आदेश की पालना सुनिश्चित कराते हुए 24 घंटे में पालना रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं.
गाइड लाइन की नहीं हो रहा था पालना
मकान मालिक राजेन्द्र प्रसाद गौतम को न्यायालय द्वारा पारित आदेश की पालना में उल्लेखित शर्तों की अक्षरश: पालना करने के लिए पाबन्द किया गया है. इस पीजी में कोचिंग गाइड लाइन का पालना नहीं किया जा रहा था. अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर) कृष्णा शुक्ला ने बताया कि इस मकान में पंखों को लटकाने के लिए हैंगिंग डिवाइस का उपयोग करने संबंधी निर्धारित गाइड लाइन की पालना नहीं किए जाने की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की गई है.
उन्होंने बताया कि छात्र द्वारा आत्महत्या के प्रकरण में जांच करने पर कमरे में हैंगिंग डिवाइस का नहीं होना पाया गया. उन्होंने बताया कि उक्त मकान में 4 कमरे किराए पर दिए जाते हैं जिनमें से वर्तमान में 2 कमरों में छात्र रहते थे. छात्र की आत्महत्या के प्रकरण के बाद दूसरे छात्र द्वारा भी कमरा खाली कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर एक टीम गठित कर कोटा शहर में स्थित हॉस्टल/पीजी एवं कोचिंग छात्रों को किराए पर दिए गए मकानों आदि का निरीक्षण कर जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अवहेलना पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी. प्रशासन अपनी और से सुसाइड रोकने के पूरे प्रयास कर रही है, लेकिन सुसाइड की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है.
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