Kota Suicide: कोटा में JEE की तैयारी कर रहे छात्र की संदिग्ध मौत, पिता बोले- 'वो सुसाइड नहीं कर सकता'
Kota Suicide Case: कोटा के जवाहर नगर थाना क्षेत्र में रहकर जेईई की तैयारी कर रहे एक स्टूडेंट की मौत के बाद परिजन भी हैरत में पड़ गए. पुलिस- प्रशासन इस मामले में हर एंगल से जांच कर रही है.
Kota News: कोटा शहर में जहां सुसाइड थमने का नाम नहीं ले रहे, दूसरी ओर पुलिस- प्रशासन द्वारा सुसाइड को रोकने, डिपरेशन को कम करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है. इस बीच एक स्टूडेंट की संदिग्ध मौत की खबर सामने आई है. उसे अस्पताल लेकर गए तो डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. अब पुलिस पोस्टमार्टम के बाद आगे की स्थिति स्पष्ट करेगी.
कोटा में रहा था जेईई की तैयारी, पढ़ने में भी था अच्छा
जवाहर नगर थाना क्षेत्र में रहकर जेईई की तैयारी कर रहे एक स्टूडेंट की मौत के बाद परिजन भी हैरत में पड़ गए वहीं प्रशासन भी इस मामले में सतर्कता बरत रहा है और हर एंगल से जांच कर रहा है. स्टूडेंट की तबियत खराब होने पर उसके दोस्त उसे निजी अस्पताल लेकर गए जहां जांच कर डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. शव को एमबीएस चिकित्सालय की मोर्चरी में पहुंचाया गया. एसआई जवाहर नगर थाना लक्ष्मण मेहरा ने बताया कि बच्चा पढाई में भी अच्छा था और उसके नम्बर भी अच्छे आ रहे थे, मामले की जांच की जा रही है.
रात को अचानक तबियत बिगड़ी तो दोस्त लेकर पहुंचे अस्पताल
एसआई लक्ष्मण मेहरा ने बताया कि छात्र मूल रूप से झारखंड के जमशेदपुर निवासी 18 वर्षीय परिणीत रॉय पुत्र राजीव रंजन है. यह स्टूडेंट पिछले दो साल से कोटा के राजीव गांधी नगर में एक पीजी के रूप में रहकर जेईई की तैयारी कर रहा था. इस बार उसके 12वीं के बॉर्ड एग्जाम भी थे. पिछले दिनों उसने जेईई मेन की परीक्षा भी दी थी. दोस्तों ने पुलिस को बताया कि गुरुवार रात 1 बजे के आसपास उसकी अचानक तबियत बिगड़ गई थी. उसे सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी. उसे अस्पताल लेकर गए लेकिन उसकी मौत हो गई. उसके पिता राजीव रंजन कोटा पहुंचे हैं. उनका का कहना है कि उसके जेईई मेन एग्जाम में 98 परसेंटाइल से ज्यादा अंक आए थे. ऐसे में वह सुसाइड नहीं कर सकता है. क्या हुआ था, इसकी जांच की आवश्यकता है. हालांकि पुलिस हर एंगल पर जांच कर रही है.
रोते हुए आए पिता, कहा निष्पक्ष जांच हो
परिणीत रॉय के पिता राजीव रंजीन राय ने कहा कि उनका बेटा किसी भी सूरत में सुसाइड नहीं कर सकता है. उनकी उससे बात होती थी और कहता था पापा आईआईटी मुम्बई कन्फर्म है. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा स्ट्रोंग था, वह कैसे गया यह नहीं पता, लेकिन उसे कोई बीमारी नहीं थी, उससे रोज बात होती थी, बेटे के मरने की सूचना मिली तो में आठ घंटे रोते हुए यहां आया हूं. वह अच्छा कर रहा था, पता नहीं ऐसा क्या हुआ. उन्होंने कहा कि इस मामले में पोस्टमार्टम हो और निष्पक्ष जांच हो.
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