(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Kota Suicide: कमरे में फंदे से झूलता मिला छात्र का शव, 7 दिन पहले नीट की तैयारी के लिए आया था, परिजनों ने की जांच की मांग
Kota: करीब एक सप्ताह पहले ही नीट की तैयारी के लिए कोटा आये पुष्पेंद्र ने अपने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक छात्र के परिजनों ने मामले में जांच करने की मांग उठाई है.
Rajasthan Suicide Case: कोटा के जवाहर नगर थाना क्षेत्र में रहने वाला 17 वर्षीय पुष्पेंद्र सिंह जालौर का निवासी था और करीब एक सप्ताह पहले ही नीट की तैयारी के लिए कोटा आया था. पुष्पेंद्र सिंह ने अपने ही कमरे में पंखे पर फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली. पुलिस मामले की जांच कर रही है. फिलहाल सुसाइड के कारण सामने नहीं आए हैं. शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है.
बताया जा रहा है कि वह स्वयं ही परिवार वालों से जिद करके कोटा आया था. बता दें कि कोटा में इन साढे 6 माह में 17 कोचिंग स्टूडेंट्स ने सुसाइड कर लिया वहीं कई लोगों ने जान देने की कोशिश की और वह बच गए.
मृतक के चाचा इंद्रसिंह ने कहा कि पुष्पेंद्र सिंह काफी इंटेलिजेंट छात्र था और दसवीं में उसके 85 प्रतिशत अंक आए थे. मृतक छात्र के परिजनों ने सुसाइड के इस मामले में जांच करने की मांग उठाई है और इन्द्र सिंह ने कहा कि कोटा वाले ही बताए कि आखिर बच्चें क्यों मर रहे हैं, ये बच्चा तो सात दिन पहले ही आया था और इस पर क्या पढाई का और हमारा प्रेशर होगा.
अपनी बात कहते कहते पुष्पेन्द्र के चाचा रो पड़े
पुलिस ने बताया कि जालौर निवासी पुष्पेन्द्र राजीव गांधी नगर में रहता था जिसने रविवार को फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पुष्पेंद्र सिंह नीट की कोचिंग करने 7 दिन पहले कोटा आया था. वह राजीव गांधी नगर में हॉस्टल में कमरा लेकर रह रहा था और उसके साथ उसके मामा का लड़का भी रहता था. कुछ देर बाद जब भाई लौटा तो कमरे का गेट बंद मिला. मामा के लडके ने पुष्पेन्द्र को बुलाया तो उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो हॉस्टल संचालक को बुलाया, खिड़की का कांच तोड़कर देखा तो पुष्पेन्द्र फांसी पर लटका हुआ था.
शव को रात पोस्टर्माटम के लिए मोर्चुरी में रखवाया गया था, जिसका सुबह पोस्टमार्टम किया गया. पुष्पेन्द्र के चाचा इन्द्र सिंह ने कहा कि बच्चे को आए हुए 6 महीने या एक साल हुआ होता तो समझ में आता कि उस पर पढ़ाई का तनाव रहा होगा लेकिन महज 7 दिन में ऐसा क्या हुआ की उसने सुसाइड कर लिया. वह केवल तीन चार दिन ही क्लास गया था वह कहते कहते फफक कर रो पड़े.
14 तारीख को कोटा से उसके मामा और पापा वापस गांव आए थे. अकेला भी नहीं रह रहा था. पैसे की भी कोई कमी नहीं थी. घरवालों का तो कोई दबाव ही नहीं था फिर ऐसा क्या हुआ प्रशासन को इस मामले में सोचना चाहिए. इस मामले की जांच होनी चाहिए.
मम्मी पापा से रोज करता था बात
इन्द्र सिंह के साथ आए परिजनों ने बताया कि पुष्पेन्द्र रोज अपने माता पिता से फोन पर बात करता था. सुबह की सारी दिन चर्या बताकर शाम को भी फोन करता था. रविवार को सुबह करीब दस बजे उसने मां से बात की थी. उसमें भी उसने ऐसी कोई बात नहीं बताई न ही उसकी बातों से ऐसा लगा कि वह कदम उठा लेगा. परिजनों ने पुष्पेन्द्र की मौत पर सवाल उठाए हैं.
भाई को नाश्ता लेने भेजा और पीछे से फंदा लगा लिया
पुष्पेन्द्र के परिजनों ने बताया कि पुष्पेन्द्र ने सुबह मामा के लडके को नाश्ता लेने भेजा वह नहीं जा रहा था तो जबरदस्ती भेजा और जब दस पंद्रह मिनट बाद वापस रूम पर पहुंचा तो पुष्पेन्द्र ने दरवाजा नहीं खोला और सुसाइड कर लिया.
परिजन सोचें की 7 दिन में ऐसा क्या हुआ
वहीं इस मामले में कोटा जिला कलक्टर ओपी बुनकर ने कहा कि सात दिन में क्या पढाई का प्रेशर होगा. यह तो परिवारवालों को सोचना चाहिए की कहीं वह प्रेशर तो नहीं बना रहे. हालांकि उन्होंने कहा कि इस बार बच्चें भी अधिक हैं, प्रशासन अपनी तरफ से बच्चों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखता है, रविवार का अवकाश भी रखा हुआ है, केवल टेस्ट होते हैं, प्रशासन की तरफ से गाइड लाइन की पालना करवाई जा रही है.
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