कोटा में लगातार हो रहे सुसाइड को रोकने के लिए जिला और पुलिस प्रशासन के साथ हॉस्टल ऐसोसिएशन सहित कई संगठन आगे आते जा रहे हैं ताकि इन सुसाइड को कैसे भी करके रोका जा सके. इस बार जय मिनेश आदिवासी यूनिवर्सिटी ने भी सुसाइड को रोकने के लिए प्रयास शुरू किए हैं. जल्द ही जय मिनेश आदिवासी विश्वविद्यालय कोचिंग स्टूडेंट्स की सुविधा के अनुसार सर्वे कराकर कई तरह के कोर्स कराने जा रहा है ताकी बच्चों के सुसाइड को कम किया जा सके और उनके डिप्रेशन को कम किया जा सके. 


हॉस्टल और पीजी में होगा विशेष एवं टेंड स्टॉफ 
कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए अब सभी हॉस्टल्स में मैनेजर, कैटरिंग वार्डन सहित अन्य स्टाफ प्रशिक्षित रहेगा जो विद्यार्थियों की साइकोलॉजी उनके व्यवहार हाव-भाव को समझ कर उनकी काउंसलिंग और मदद करने में सक्षम होगा.


जय मनीष आदिवासी विश्वविद्यालय द्वारा 2 जून को कोटा की तीनों हॉस्टल एसोसिएशन से किए गए एमओयू को आगे बढ़ते हुए विश्वविद्यालय परिसर में अहम बैठक आयोजित हुई जिसमें हॉस्टल एसोसिएशन के पदाधिकारी और विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन आरडी मीणा सहित विश्वविद्यालय परिवार के सदस्य उपस्थित रहे और एक नई शुरूआत की.


 कोचिंग सिटी को श्रेष्ठ बनाना ही उद्देश्य
विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन आरडी मीणा ने बताया कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य क्वालिटी एजुकेशन के साथ रोजगार उन्मुख शिक्षा और सामाजिक सरोकारों में अपनी भागीदारी निभाकर कोचिंग सिटी को श्रेष्ठ बनाना है. कोटा में करीब 3500 होस्टल हैं जिसमे करीब 2 लाख बच्चे रहते हैं. कोटा की चम्बल हॉस्टल कोटा हॉस्टल, कोरल हॉस्टल एसोसिएशन के पदाधिकारी के साथ हुई बैठक में हम निर्णय लिए गए हैं।   


 हॉस्टलस से संबंधित विभिन्न कोर्सेज  6 माह के होंगे 
इन कोर्स को कराए जाने के लिए कई अहम निर्णय लिए गए. हॉस्टल एसोसिएशन 3 दिन में कोटा में हॉस्टल्स में विभिन्न पदों कार्य कर रहे लोगों की  सर्व कर  डाटा तैयार कर विश्वविद्यालय द्वारा करवाए जा रहे हॉस्टल से संबंधित कोर्सेज के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा. विश्वविद्यालय द्वारा जल्द अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार कर 15 सितंबर से कोर्सेज शुरू किए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इन 6 महीने सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम में ट्रेनिंग, युवाओं को रोजगार, एवं हॉस्टल को ट्रेंड कर्मचारी उपलब्ध करवाना विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी रहेगी.