Kota News: कोटा में सर्दी की तर्ज पर गर्मी के लिए भी आश्रय स्थल खोल दिए हैं. सर्दी अधिक होने पर स्थाई जगहों पर सर्दी से बचाओ की व्यवस्था की जाती थी. कोटा में पहली बार गर्मी से बचाने के लिए गीष्मकालीन आश्रय स्थाल शुरू किए गए हैं, जहां गर्मी से बचाव के सभी संसाधन रखे गए हैं.


जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने मंगलवार को नगर निगम कोटा उत्तर एवं दक्षिण द्वारा शहर में राहगीरों, मजदूरों, यात्रियों एवं अन्य को राहत देने के लिए स्थापित किए गए ग्रीष्मकालीन आश्रय स्थलों का दौरा किया और वहां उपलब्ध सुविधाओं को और अच्छा करने के निर्देश दिए.


आश्रय स्थल का किया निरीक्षण दिए आवश्यक निर्देश


80 फीट रोड स्थित सिटी बस स्टैंड नगर निगम कोटा दक्षिण के बाहर बनाए गए ग्रीष्मकालीन आश्रय स्थल में उपलब्ध सुविधाओं की सराहना करते हुए उन्होंने इसे मॉडल आश्रय स्थल बताया. उन्होंने दूसरी जगह भी इसी तरह से आश्रय स्थल तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जहां-जहां भी लू-तापघात से बचाव के लिए शेल्टर बनाए गए हैं वहां कुर्सियां, कूलर, ओआरएस के पैकेट एवं ठंडे पानी के कैंपर रखे जाएं ताकि राहगीर वहां रूककर लू-तापघात से बच सकें.


डॉ. गोस्वामी इससे पहले एमबीएस अस्पताल परिसर स्थित दो आश्रय स्थलों पर पहुंचे और वहां आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. हॉस्पिटल परिसर में स्थापित प्याऊ पर पानी पिला रहे भारत और विजय ने कलक्टर को बताया कि सुबह 6 से रात 9 बजे तक अस्पताल में आने वाले मरीजों के परिजनों को पानी पिलाया जा रहा है. कलक्टर ने नयापुरा बस स्टेंड पर स्थापित आश्रय स्थल भी देखा एवं नगर निगम के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.


कोटा कलक्टर ने 5 साल की देविका को दिया पेन
घोड़े वाले बाबा चौराहे पर स्थापित प्याऊ पर पानी पीने आए बच्चों से कलक्टर ने बड़ी आत्मीयता से बात की. डॉ. गोस्वामी ने 5 वर्षीय देवीका को अपनी जेब से निकालकर पेन दिया और उसे खूब पढ़-लिखकर आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी. इसके साथ ही कोटा की सेवाभावी संस्थाएं भी बडी संख्या में आगे आई है और जगह-जगह लू, ताप घात से बचाओं के प्रयास तेज कर दिए हैं.


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