Synthetic Athletics Track: कोटा में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं जो सालों से सिंथेटिक ट्रैक (Synthetic Track) की मांग कर रहे थे. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिंथेटिक ट्रैक पर ही प्रतियोगिताएं होती हैं. पहले खिलाड़ी अपना बेस्ट प्रदर्शन नहीं दे पा रहे थे क्योंकि उनकी प्रैक्टिस घास पर होती थी. लेकिन अब राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को सिंथेटिक ट्रैक का लाभ होगा.
कोटा सहित पूरे हाड़ौती के खिलाड़ियों को अगले माह सिंथेटिक ट्रैक की सौगात मिलेगी. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) के प्रयासों से श्रीनाथपुरम खेल स्टेडियम (Shrinathpuram Sports Stadium) में बन रहे एथलेटिक्स ट्रैक का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. 5 अप्रैल तक कार्य पूर्ण कर इसे खिलाड़ियों और आमजन के लिए शुरू कर दिया जाएगा.
राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में सिंथेटिक ट्रैक का ही उपयोग किया जा रहा है. कोटा सहित सम्पूर्ण हाड़ौती में इस तरह का ट्रैक नहीं होने के कारण यहां के खिलाड़ी बड़ी प्रतियोगिताओं में अक्सर पिछड़ जाते थे. इसको देखते हुए खिलाड़ियों ने स्पीकर बिरला से श्रीनाथपुरम स्टेडियम में ट्रैक की मांग की थी. प्रतिभावान खिलाड़ियों की आवश्यकता को देखते हुए स्पीकर बिरला ने केंद्रीय खेल मंत्री से बात कर खेलो इंडिया के तहत सिंथेटिक ट्रैक के निर्माण के लिए 7 करोड़ रुपए स्वीकृत करवाए थे. इसके निर्माण कार्य का शिलान्यास भी स्पीकर बिरला ने गत वर्ष 3 जुलाई को किया था.
प्रदेश का 5वां सिंथेटिक ट्रैक
ट्रैक के निर्माण के लिए 2 माह का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन शिलान्यास कार्यक्रम में ही बिरला ने कहा था कि गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा. अब तक सिंथेटिक ट्रैक का 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है. अब सिंथेटिक ट्रैक पर आखिरी लेयर बिछाने का कार्य पूरा होने जा रहा है, इसके बाद केवल मार्किंग सहित छोटे-मोटे अन्य कार्य पूरा कर यह ट्रैक खिलाड़ियों के उपयोग के लिए तैयार हो जाएगा. बता दें कि कोटा के श्रीनाथपुरम स्टेडियम में बन रहा ट्रैक प्रदेश का पांचवा सिंथेटिक ट्रैक होगा. इससे पूर्व जयपुर, गंगानगर, चुरू, जोधपुर में निर्मित सिंथेटिक ट्रेक का लाभ वहां के खिलाड़ियों को मिल रहा है.
सिंथेटिक ट्रैक पर चलना घुटनों के लिए फायदेमंद
कोटा में बन रहा 400 मीटर सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक 8 लेन का होगा. फुल पीयूआर सिस्टम से बन रहे इस सिंथेटिक ट्रैक को बनाने में करीब 7 करोड़ रुपए का खर्च किए जा रहे हैं. सिंथेटिक ट्रैक पर चलना आम लोगों के लिए भी फायदेमंद है. सेहत के प्रति जागरूक लोग अक्सर सड़क या कठोर सतह पर चहलकदमी करते हैं. लंबी अवधि में यह घुटनों के लिए नुकसानदेह रहता है. वहीं दूसरी ओर सिंथेटिक ट्रैक पर चलने से घुटनों को नुकसान नहीं पहुंचता. स्पीकर बिरला के प्रयासों से खेलों और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए सम्पूर्ण कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में कार्य चल रहे हैं. बूंदी शहर में जहां 20 करोड़ रुपए की लागत से खेल संकुल में सिंथेटिक ट्रैक, स्वीमिंग पूल, वॉकिंग ट्रैक का काम हो रहा है.
वहीं लाखेरी, रामगंजमंडी, सुल्तानपुर और इटावा में भी 4-4 करोड़ रूपए लागत के इनडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्वीकृत किए गए हैं. बूंदी में बन रहे केंद्रीय विद्यालय के नवीन परिसर में भी विभिन्न खेल गतिविधियों के प्रावधान किए गए हैं. इसके अलावा सीएसआर मद से भी अनेक पंचायत क्षेत्रों में खेल मैदान के निर्माण या सुधार के कार्य किए जा रहे हैं.