Rajasthan News: अधिसूचना जारी होने के साथ ही अब कोटा नगर विकास न्यास, कोटा विकास प्राधिकरण (KDA) बन गया है. अब कोटा विकास प्राधिकरण के लिए स्टाफ से लेकर भवन व अन्य व्यवस्थाओं की तैयारी शुरू कर दी गई है. केडीए की आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी होते ही कोटा के विकास कार्य नगर विकास न्यास के स्थान पर कोटा विकास प्राधिकरण कराएगा. केडीए बनने के बाद एक बार फिर नया मास्टर प्लान लागू किया जाएगा. इसमें कोटा व बूंदी जिले के 289 गांव को शामिल किया जाएगा.
2031 तक महानगर बन जाएगा कोटा
एक्सपर्ट बताते हैं कि वर्तमान में 21 लाख की आबादी के हिसाब से प्लान बनाया गया है. फिलहाल कोटा का 2031 तक का अनुमानित 21 लाख की जनसंख्या के अनुसार मास्टर प्लान बनाया गया है लेकिन कोटा में तेजी से लोगों की बसावट बढ़ रही है. कोचिंग करने आने वाले भी हर वर्ष कुछ लोग यहीं बस जाते हैं, ऐसे में 2031 तक कोटा महानगर का रूप ले लेगा. इसे देखते हुए केडीए के गठन के साथ ही इसका नया मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा.
10 करोड़ रुपए तक के काम कोटा में ही हो जाएंगे
केडीए की कार्य प्रणाली शुरू होते ही कोटा शहर में 10 करोड रुपए तक के काम स्वीकृत किए जा सकेंगे. स्वीकृति के लिए जयपुर के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं होगी. 10 करोड़ के विकास कार्य की स्वीकृति केडीए दे सकेगा. ऐसे में तेजी से विकास हो सकेगा. इसके अलावा अलग-अलग जॉन बनाने से काम की गति बढ़ेगी. योजनाओं के नक्शे भी स्थानीय स्तर पर ही बन जाएंगे.
केडीए के अनुसार होगा आगामी मास्टर प्लान
केडीए के गठन के साथ ही यूआईटी के मास्टर प्लान को अपडेट किया जाएगा. टाउन प्लान में भविष्य की जरूरत को पर्याप्त स्थान दिया जाएगा. केडीए का फेरा-फेरी एरिया भी काफी बड़ा हो जाएगा. इस प्लान के अलावा भी विकसित की जाने वाली आवश्यक सुविधाओं के लिए रिजर्व किया गया है. कोटा में लाडपुरा, केशव राय पाटन, तालेड़ा पंचायत समिति का पूरा इलाका शामिल किया गया है. वही दीगोद का कुछ हिस्सा भी इसमें शामिल किया गया है.
1971 में नगर विकास न्यास की हुई थी स्थापना
अभी यूआईटी का प्लान वर्ष 2031 तक के भविष्य की जरूरत के हिसाब से डिजाइन किया गया है. कोटा विकास प्राधिकरण बनने के बाद इसका विस्तार होगा. वर्ष 1971 में नगर विकास न्यास की स्थापना के समय शहर की जनसंख्या मात्र 213 लाख थी. वर्ष 2011 में कोटा की जनसंख्या 10 लाख से अधिक हो गई गई और कोटा का क्षेत्रफल 21000 एकड़ से बढ़कर 38000 एकड़ तक पहुंच गया. वर्ष 2021 में कोरोना के कारण जनगणना नहीं हुई. ऐसे में शहर की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या करीब 14 लाख आंकी जा रही है. इसके बाद वर्ष 2031 तक 21 लाख तक पहुंचाने की संभावना है.
ये क्षेत्र शामिल होंगे कोटा शहर में
केडीए बनने से कोटा जिले की पंचायत समिति लाडपुरा, बूंदी जिले के केशव राय पाटन एवं तालेड़ा पंचायत समिति क्षेत्र समेत आसपास के 289 गांव को शामिल किया गया है. जो शहरी सीमा में शामिल हो जाएंगे. इससे शहर में एक लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि कोटा में शामिल हो जाएगी. इस भूमि पर भविष्य की जरूरत को देखते हुए विकसित किया जाएगा. कोटा शहर सहित आसपास के फेरा फेरी क्षेत्र में आधारभूत विकास एवं आमजन की मूलभूत सुविधाओं के लिए विकास कार्यों को गति मिलेगी. कोटा शहर में केडीए तो बन गया लेकिन जो गांव शामिल किए गए हैं वह आज भी इसका विरोध कर रहे हैं यहां तक की कांग्रेस सरकार के विधायक तक इसके विरोध में खड़े हैं.