Kota News: कोटा में नयापुरा स्टेडियम के पास उम्मेद क्लब भवन की ऐतिहासिक इमारत स्थित है. इमारत की आधारशिला 26 जनवरी 1898 ईस्वी को राजपूताना के एजीजी सर फ्रोस्थवेट ने महाराव उम्मेद सिंह जी द्वितीय (ईसवी सन 1889-1940) के शासन में रखी थी. सन 1896 में कोटा महाराव साहिब को इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया से पूर्ण शासन का अधिकार मिला था. महारानी के मानपत्र को लेकर क्रोस्थवेट कोटा आए थे. इस खुशी के मौके पर 5 दिसम्बर 1896 को कोटा गढ़ में भव्य जलसे का आयोजन किया गया था. महाराव साहिब ने यादगार दिन को चिरस्थाई बनाने का फैसला किया. उन्होंने एजीजी क्रोस्थवेट की याद में कोटा के बाग में एक सुंदर इमारत बनाने की घोषणा की. इसका उपयोग पुस्तकालय और स्टेडियम के लिए था. 


इमारत की नींव में ब्रिटिश और कोटा के सिक्के रखे गए


इतिहासकार फिरोज अहमद ने बताया कि जब इमारत की आधारशिला रखी गई तब इमारत की नींव में कुछ ब्रिटिश और कुछ कोटा के सिक्के एवं समाचार पत्र रखे गए थे. इमारत तैयार होने के बाद इसका इस्तेमाल विभिन्न खेलों और पुस्तकालय के रूप में किया जाने लगा. इस इमारत में बिलियर्ड, टेबल टेनिस, बैडमिंटन और क्रिकेट के खेल नियमित रूप से खेले जाते हैं. महाराव साहिब भी प्रतिदिन शाम के समय इमारत में आते थे. उनके साथ उनके अहलकार अधिकारी और मित्र भी होते थे. इस दौरान शहर के विकास की चर्चा हो जाया करती थी. सुंदर इमारत का नक्शा कोटा के स्टेट इंजीनियर आरएच टिकेल ने बनाया था. रियासत काल में ऐतिहासिक इमारत को यादघर के रूप में जाना जाता था.


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आजादी के बाद सुंदर इमारत का इस्तेमाल क्लब के रूप में


देश की आजादी के बाद से इस इमारत का इस्तेमाल एक क्लब के रूप में किया जा रहा है और कोटा महाराव के नाम पर इसका नाम उम्मेद क्लब है. उम्मेद क्लब के अध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह राजावत ने बताया कि इस स्थान पर लोक कला और संस्कृति को संजोने का काम हो रहा है, साथ ही खेलों को बढावा देने के लिए क्लब निरंतर प्रयासरत है. वर्तमान समय में कई खेल प्रतियोगिताओं के साथ मैराथन, हेल्थ अवेयरनेस और बच्चों की कई गतिविधियां होती हैं. इसके साथ ही राजस्थानी लघु उद्योग, कोटा साड़ी और प्रदर्शनी के माध्यम से लुप्त हो रही कला को बचाने का भी प्रयास किया जा रहा है. उम्मेद क्लब के माध्यम से प्रबुद्धजन, डॉक्टर, व्यापारी, राजनैतिक और लोक कलाकार सहित विभिन्न वर्गों का आयोजित होनेवाले कार्यक्रम विरासत को बचाए रखने का अनूठा प्रयास है.