Kota News: किसी भी परिवार में शादी समारोह हो, उसमें कम से कम लाखों का खर्चा तो होता ही है, लेकिन कोटा (Kota) में ऐसा निकाह हुआ जिसमें महज कुछ ही हजार रुपये खर्च किए गए. ना ही दहेज दिया गया. ना ही रिसेप्शन हुआ. इतना सादा निकाह का समारोह हुआ जो कुछ ही घंटों में खत्म हो गया. ये निकाह बेहद ही सादे रूप में संपन्न किया गया. दुल्हा भी घोड़ी नहीं चढ़ा और ना ही दहेज में कोई सामान दिया गया. 


यह निकाह चंद्रघंटा की रहने वाली मरियम सिद्दीकी और विज्ञान नगर के रहने वाले जीशान अली का था. दोनों ने एक सादे समारोह में एक दूसरे को निकाह में कबूल कर लिया. दुल्हन मरियम ने बीए किया है और वर्तमान में एलएलबी सैंकड ईयर में पढ़ाई कर रही है. वहीं दुल्हा जीशान बीकॉम करने के बाद एलएलबी कर रहा है. शादी से पहले ही दोनों परिवार में सहमति बनीं. उसके बाद दोनों ने इस तरह से निकाह का फैसला किया.


निकाह में नहीं हुआ कोई कार्यक्रम
निकाह में कोई कार्यक्रम नहीं हुआ. ना ही गीत संगीत था ना ही बारात में किसी भी तरह का शोरगुल था. ना ही डीजे की मस्ती थी. ना ही बैंड बाजा बारात थी. जो लोग आए वह भी अपने घर से खाना खाकर आए क्योंकि कोई रिसेप्शन भी नहीं था. दुल्हन के पिता नजीमुददीन ने बताया कि इस्लाम में शादी में लड़की और उसके परिवार पर खर्चे का वजन नहीं डाला जाता. इसी सोच के साथ शादी को बेहद सादा किया गया. इस्लाम में कम खर्चें में शादी की बात कही गई है. उसी को मद्देनजर रखते हुए ये शादी की गई. इसमें दुल्हा दुल्हन दोनों की ही रजामंदी थी.


200 से 250 लोग निकाह में शामिल हुए
सभी रिश्तेदारों और मेहमानों को फोन करके शादी की जानकारी दी गई. बारातियों को भी पहले ही कहा था कि बारात में आए तो घर से भोजन करके आएं. यहां रिसेप्शन नहीं है. इसलिए बाराती भी पहले से ही अपनी व्यवस्था की थी. दोनों पक्षों की और से करीब 200 से 250 लोग शामिल हुए. बता दें पूरी शादी को फिजुलखर्ची से तो बचाया  गया. साथ ही निकाह के दौरान मेहर महज 21 हजार का बंधवाया गया. 


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हालांकि इस्ताल में दुल्हन को कितना भी मेहर बंधवाने का अधिकार दिया गया है. उसके बाद दुल्हा दुल्हन ने निकाह कुबुल किया. दोनों परिवारों ने कहा कि हम सभी को ये कहना चाहते हैं  कि शादी समारोह को आसान किया जाए. फिजुलखर्ची से बचा जाए. जो पैसा शादी समारोह में लगाया जा रहा है, वह बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया जाए.