Kota News: भारत में धर्म का अपना ही स्थान हैं और जगह-जगह देवी देवताओं के विख्यात मंदिर हैं, जिनकी आराधना पूजा की जाती है. हजारों लोग अपनी आस्था के अनुसार इन देवी देवताओं से जुड़ते चले जाते हैं, इसके विपरीत ऐसे भी लोग हैं, जो किसी महापुरूष या नेता अभिनेता को अपना आदर्श मानते हैं और उनकी प्रतिमाएं स्थापित करते हैं. 


एक ऐसा ही मंदिर कोटा में बनने जा रहा है, जो देश में सबसे अनूठा होगा. दरअसल, इस मंदिर में भगवान के दर्शन के साथ ही पीएम नरेन्द्र मोदी भी देखने को मिलेंगे. इस मंदिर में एक तरफ महापुरुष होंगे, तो साहित्कार के भी दर्शन होंगे. ये ही नहीं यहां स्वर कोकिला लता मंगेश्कर की प्रतिमा भी दिखाई देगी. वहीं क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर भी होंगे. या ही नहीं, इसके साथ ही यहां कई संतंत्राता सेनानियों की प्रतिमाएं भी देखने को मिलेंगी.


धर्म, संस्कृति, कला और साहित्य का होगा संगम


कोटा में जीवनदायिनी चंबल के दोनों छोरों पर चंबल रिवर फ्रंट बनाया जा रहा है, जो देश और दुनिया में अपनी अलग ही मिसाल पेश करेगा. यहां कई तरह के रिकॉर्ड स्थापित किए जा रहे हैं और लोगों को कला, संस्कृति, धर्म और आधुनिकता के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर इसके पास ही कुछ ही दूरी पर नयापुरा बस स्टैंड के पास कर्मयोगी सेवा संस्थान की ओर से देश के महापुरुषों का मंदिर भी बनाया जा रहा है.


इस मंदिर में 48 महापुरुषों की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी. यहां राधा-कृष्ण, शिव मंदिर के दर्शन होंगे, तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महानायक अमिताभ बच्चन व क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर की मूर्तियों के भी दर्शन होंगे.


ये मूर्तियां होंगी स्थापित


संस्थान के संस्थापक राजाराम जैन कर्मयोगी ने बताया कि पहले चरण में भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, स्वामी विवेकानंद, सरदार वल्लभभाई पटेल, चंद्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, लाल बहादुर शास्त्री की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. इस बीच तीन मूर्तियों का लोकार्पण भी कर दिया गया है. अब महाराणा प्रताप, शिवाजी, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, महाराजा रणजीत सिंह, खेत सिंह खंगार, इंदिरा गांधी, मदर टेरेसा की मूर्तियों को स्थापित किया जाएगा.


अशोक गहलोत और शांति धारीवाल की प्रतिमाएं भी होंगी


राजाराम कर्मयोगी ने बताया कि भारत माता भवन में देश की आजादी के लिए जान गवाने वाले शहीद, खेल व कला साहित्य के क्षेत्र में देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ी, कलाकारों व वर्तमान में राजनीति में रहते हुए देश हित में कार्य कर रही हस्तियों की मूर्तियां भी स्थापित की जाएंगी. 


 मंदिर का निर्माण शुरू 


उन्होंने बताया कि यहां मंदिर का निर्माण शुरू कर दिया गया है. पहले चरण में 12 मूर्तियों की स्थापना की है. मई तक शेष मूर्तियों की स्थापना कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि आज की पीढ़ी देश हित में कार्य कर रहे व कार्य करते हुए दिवंगत हो गए लोगों से प्रेरणा ले सकें व उनके आदर्शों को अपना सके, इसी उद्देश्य से इन मूर्तियों की स्थापना की जा रही है.


उन्होंने कहा कि इस दौरान गायिका स्वर कोकिला लता मंगेशकर, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन, मुंशी प्रेमचंद, मेजर ध्यानचंद,सचिन तेंदुलकर की मूर्तियां भी यहां पर नजर आएंगी, इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की मूर्तियां स्थापित की जाएगी.


कई धर्मों के देवी देवता भी होंगे एक ही मंदिर में


उन्होंने कहा कि यहां पर भगवान देवनारायण, महर्षि वाल्मीकि, भगवान परशुराम, भगवान महावीर, भगवान झूलेलाल, भगवान मिनेष, बाबा रामदेव की प्रतिमाएं भी स्थापित की जाएंगी. इसके साथ ही राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती, दुर्गा, गणेश, हनुमान जी, युद्ध क्षेत्र में भगवान कृष्ण के दर्शन भी लोगों को यहां कराए जाएंगे.


भारत माता का सोने की चिड़िया का स्वरूप दिखेगा


इस अनूठे मंदिर में भारत माता देशभक्ति का संदेश देंगी. कर्मयोगी ने बताया कि महात्मा गांधी व सुभाष चंद्र बोस की मूर्तियों के मध्य 7 फीट ऊंची व 5 फीट चौड़ी भारत माता दीवार पर उकेरी गई हैं. इसके दोनों और शेर के मुख हैं. एक हाथ में कोहिनूर है, भारत माता सोने की चिड़िया का संदेश देती नजर आएंगी. अभी 56 फीट ऊंचाई पर तीन मूर्तियां स्थापित की है.


शेष 50 फीट की ऊंचाई पर स्थापित होंगी. 12 मूर्तियां 3-3 फीट व बाकी 15 इंच की रहेगी. सभी मूर्तियां सफेद संगमरमर से बनवाई जा रही हैं. बड़ी मूर्तियां 250 किलो व बाकी मूर्तियां 50-50 किलो की होंगी.


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