Rajasthan News: राजस्थान के कोटा विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में मंगलवार (2 जुलाई) को ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल और उपाधियां प्रदान की गईं.  इस दौरान राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि विश्वविद्यालय वैश्विक चुनौतियों को स्वीकार करते हुए रोजगार देने वाले पाठ्यक्रमों का निर्माण करें.


उन्होंने विश्वविद्यालयों को कौशल विकास से संबंधित शिक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए विकसित भारत 2047 की संकल्पना को साकार करने का आह्वान किया. राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत शिक्षा का अंत नहीं बल्कि नए जीवन की शुरूआत है. यह वह अवसर है जब स्टूडेंट्स प्राप्त शिक्षा का राष्ट्र और समाज के उत्थान में उपयोग करने के लिए तैयार होता है.


दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने साक्षी जैन को कुलाधिपति पदक, पूजा साहू को कुलपति पदक और 60 छात्र-छात्राओं स्वर्ण पदक और 49 पीएचडी उपाधियां प्रदान की. कोटा विश्वविद्यालय की ओर से कुल 88 हजार 692 उपाधियां प्रदान की गई हैं. इनमें 43 हजार 677 छात्र (49 प्रतिशत),  45 हजार 15 छात्राएं (51 प्रतिशत) शामिल हैं. 


'बेटियों को अवसर मिले तो वो किसी से पीछे नहीं' 
राज्यपाल ने 51 फीसदी छात्राओं के उपाधि हासिल करने और शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने पर खुशी जताते हुए कहा कि बेटियों को अवसर मिले तो वे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं. छात्राएं अपनी प्रतिभा का समुचित सदुपयोग कर निरंतर आगे बढ़ रही हैं. उन्होंने आव्हान किया कि छात्र-छात्राएं सामूहिक सहयोग से विकसित भारत का संकल्प पूरा करें.


उन्होंने कहा कि इस समय हमारा देश अपने अमृत काल में है. जी-20 की अध्यक्षता भारत को मिली है और इस कार्यकाल ने भारत को एक महाशक्ति के रूप में उभारा है. भारत इस समय विश्व की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है. मुझे विश्वास है कि 2047 में भारत एक विकसित राष्ट्र के रूप में समुचित विश्व का नेतृत्व करेगा. राज्यपाल ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कौशल विकास आधारित शिक्षा पर केन्द्रित है. यह रोजगारोन्मुखी होने के साथ चरित्र-निर्माण, ज्ञान-विज्ञान और आध्यात्मिक विकास के साथ देश और समाज की सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा और संरक्षण से जुड़ी है.



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