Kota News Today: कोटा शहर के आरके पुरम थाना क्षेत्र में एक महिला की लिफ्ट में फंसने से मौत हो गई. यह हादसा दिल दहला देने वाला था. लाइट जाने के बाद लिफ्ट बंद हो और महिला दूसरी और तीसरे फ्लोर के बीच में फंस गई.
महिला काफी देर तक लिफ्ट में चिल्लाती रही, लेकिन उसकी आवाज किसी ने नहीं सुनी. जब एक महिला मौके पर पहुंची तब उसके पीड़िता के लिफ्ट में फंसे होने की बात पता चली. इसके बाद आनन फानन में बिल्डिंग वासियों को बुलाया गया. इमरजेंसी चाभी मंगाई गई, लेकिन उसे नहीं निकाला जा सका.
लिफ्ट से रेस्क्यू कोशिश नाकाम
महिला मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में घरेलू कामकाज के लिए गई थी. काम करने के बाद लिफ्ट से वापस जा रही थी और इसी दौरान वह फंस गई. महिला को निकालने के लिए बिल्डिंग में मौजूद लोगों ने काफी कोशिश की, लेकिन उसके बावजूद उसे बाहर नहीं निकाला जा सका और आखिरकार महिला की मौत हो गई.
पुलिस ने क्या कहा?
मौके पर पहुंचे असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर लक्ष्मी नारायण ने बताया कि थाने पर सूचना मिली थी कि एक महिला की मौत हो गई. वह अस्पताल गए और वहां से सीधे घटनास्थल पर पहुंचे, तब पता चला की रुक्मिणी नाम की महिला बिजली जाने की वजह से लिफ्ट में दूसरे और तीसरे फ्लोर के बीच में फंस गई.
पुलिस के मुताबिक, इमरजेंसी चाभी से लिफ्ट खोलकर उसे बाहर निकालने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली. महिला को बाहर निकालने के लिए स्टूल भी दिया गया, लेकिन उसका पैर स्लिप हो गया और वह लिफ्ट में गिर गई.
उसके बाद अचानक लिफ्ट बेसमेंट में चली गई. बेसमेंट में बारिश का पानी करीब 7 से 8 इंच तक भरा था. पुलिस ने बताया कि महिला की मौत कैसे हुई, यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा.
पीड़ित परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
मृतका के परिजनों का आरोप है कि मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के निवासियों की लापरवाही के चलते रुक्मिणी की मौत हुई है. वह चिल्लाती रही लेकिन किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी. पहले रुक्मिणी को निजी अस्पताल ले जाया गया, मृत घोषित किए जाने पर मेडिकल कॉलेज नए अस्पताल ले जाया गया.
परिजनों को फोन करके बताया गया कि उनका इमरजेंसी में इलाज चल रहा है. वह लिफ्ट में फंस गई थी, जबकि उसकी पहले ही मौत हो चुकी थी. उसके बाद परिजन उसे घर ले गए और फिर वापस आरके पुरम थाने के बाहर एंबुलेंस से डेड बॉडी लेकर आए.
तीन पर एफआईआर दर्ज
प्रशासन के समझाने पर पीड़ित परिवार शव को उठाने के लिए तैयार हो गया, पीड़ित को परिवार को मुआवजा देने के बात पर भी सहमति बनी. इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
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