Kota News: कोटा शहर में नए-नए नवाचार देखने को मिल रहे हैं. अब गुलदस्ते की जगह पर गमले दिए जाने का चलन बढ़ने से नर्सरी में नवाचार किया जा रहा है. कोटा जिला परिषद सीईओ का नया जतन रंग लाया है. जिला परिषद ने नवाचार के तहत गांव में फूलों की क्यारियां बनाई हैं. क्यारियां विकसित हो चुकी हैं और पौधे लगने को तैयार हैं. 121 नर्सरियों में फूलों की खुशबू से माहौल सुगंधित हो गया है. 5 पंचायत समितियों की 156 ग्राम पंचायतों में नर्सरी आकर्षण का केन्द्र बनने की राह पर है.
चलन बढ़ने पर 121 नर्सरियों में फैली खुशबू
जिले में 136 स्वीकृत नर्सरियों में से 121 विकसित हो चुकी हैं. नवाचार के तहत फूलों की खुशबू अब कोटा से बाहर भी जाने लगी है. नर्सरियों से लोगों को रोजगार दिलाने के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है. लोग अब नर्सरी के प्रति दिचलस्पी दिखा रहे हैं. सार्वजनिक समारोह में गमलेयुक्त पौधे स्वागत स्वरूप जिला परिषद् की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ममता तिवाडी की पहल पर दिए जाने का चलन हो जाने के कारण अब मांग भी बढ़ने लगी है.
जिला परिषद सीईओ का नवाचार लाया रंग
जिला परिषद् की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ममता तिवाड़ी की पहल पर राजीविका से जुड़े स्वयं सहायता समूह भी कार्यक्रमों के लिए पौधायुक्त गमला उपलब्ध करवाने लगे हैं. स्वागत स्वरूप गमलेयुक्त पौधों को एक अनोखी पहल के रूप में देखा जा रहा है. ग्राम पंचायत स्तर पर नर्सरी का काम किया गया है.
जल्द ही गमला सहित पौधे उपलब्ध करवाने का काम भी शुरू हो जाएगा ताकि ग्राम पंचायत को अतिरिक्त आय भी हो सके. पहले लोग अधिकांश सजावटी पौधों की मांग करते थे. अब आयोजन में सजावटी पौधे मय गमला की मांग पूरी की जाती है. गुलदस्ते के स्थान पर गमले दिए जाने का चलन बढ़ रहा है.