Kotputli Borewell: 30 घंटे के बाद भी बोरवेल से चेतना को निकालने में नहीं मिली सफलता, अब क्या है उम्मीद?
Kotputli Borewell Rescue: कोटपुतली के एसडीएम ब्रजेश चौधरी ने मंगलवार की रात को बताया कि पिछले 30 घंटों से बचाव अभियान जारी है. SDRF और NDRF की टीमें बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए काम कर रही हैं.
Kotputli Borewell News: राजस्थान के कोटपूतली जिले के सरुंड थाना क्षेत्र में सोमवार को बोरवेल में 150 फीट गहराई में गिरी बच्ची को सुरक्षित निकालने के प्रयास मंगलवार की रात को भी जारी रहा. थानाधिकारी मोहम्मद इमरान ने बताया कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बच्ची को सुरक्षित निकालने के प्रयास में जुटी हैं.
एनडीआरएफ के सीनियर कमांडेंट योगेश मीणा ने बताया कि रिंग रॉड और अंब्रेला तकनीक से बच्ची को बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकालने में विफल होने के बाद मंगलवार को उसे एल बैंड (लोहे की प्लेट से बना देसी जुगाड़) से खींचने का प्रयास किया जा रहा है. कोटपुतली के एसडीएम ब्रजेश चौधरी ने मंगलवार की रात को बताया कि पिछले 30 घंटों से बचाव अभियान जारी है.
Kotputli, Rajasthan: Brajesh Chaudhary, SDM Kotputli, says, "The rescue operation has been ongoing for the past 30 hours. The SDRF and NDRF teams are working to safely rescue the child. Additionally, we will soon begin operations with the piling machine to ensure the child is… https://t.co/4rVatXoaeW pic.twitter.com/yY7qVP8I1D
— IANS (@ians_india) December 24, 2024
पाइलिंग मशीन से हो रही खुदाई
एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए काम कर रही हैं. इसके अलावा पाइलिंग मशीन के जरिए गड्डा खोदकर रेस्क्यू का प्रयास किया जा रहा है, ताकि बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके. बता दें एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस, पुलिस और प्रशासन की टीमें 30 घंटे से ज्यादा समय से बचाव अभियान में जुटी हैं.
कोटपूतली जिले के सरूंड थाना क्षेत्र में कितरपुरा इलाके में खेत में साढ़े तीन साल की बच्ची चेतना सोमवार को दोपहर करीब तीन बजे फिसलकर बोरवेल में गिर गई थी. बच्ची की हरकतों को कैमरे में कैद किया गया और ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए बोरवेल में ऑक्सीजन पाइप उतारा गया.
वहीं दो हफ्ते पहले दौसा जिले में पांच साल का एक बच्चा बोरवेल में गिर गया था. बच्चे को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान 55 घंटे से ज्यादा चला था. हालांकि, जब तक उसे बाहर निकाला गया, तब तक वह जिंदगी की जंग हार चुका था.