Janmashtami 2023: इस्कॉन समिति भरतपुर में मना रहा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, थाईलैंड के फूलों से सजाई गई बंगला झांकी
Krishna Janmashtami 2023: भरतपुर शहर के प्राचीन बांके बिहारी मंदिर में रात को श्रीकृष्ण का पंचामृत से अभिषेक कर चरणामृत वितरण किया जायेगा. इस चरणामृत के बाद भक्त व्रत खोलते हैं या पानी वगैरा लेते हैं.
Krishna Janmashtami 2023 in Bharatpur: राजस्थान के भरतपुर में पहलीबार इस्कॉन समिति वृंदावन द्वारा भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस श्री कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन भरतपुर के सेक्टर 3 में स्थित राज गार्डन में इस्कॉन समिति द्वारा किया गया. श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर थाईलैंड से फूल मंगाकर फूल बंगला झांकी सजाई गई है.
भरतपुर जिले में गुरुवार (7 सितंबर) को भगवान श्रीकृष्ण घर-घर में प्रकट होंगे. राधा- कृष्ण जी के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. जन्माष्टमी के दिन अक्सर महिलाएं और पुरुष व्रत रहते हैं और कन्हैया जी के अभिषेक होने के बाद चरणामृत लेकर व्रत खोलते हैं या चरणामृत लेने के बाद कुछ पानी वगैरा ग्रहण करते हैं. मंदिरों में अभिषेक के समय भजनों पर महिलाओं और पुरुषों भक्ति भाव से झूमते नजर आये.
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले को भगवान श्रीकृष्ण की जन्म भूमि मानी जाती है. मथुरा जिले में जन्माष्टमी को धूमधाम से मनाया जाता है. मथुरा जिले से भरतपुर जिले की सीमा लगी होने के कारण, भरतपुर को भी ब्रज क्षेत्र में शुमार किया जाता है. यहां भगवान कृष्ण के प्रति लोगों में बेहद आस्था है. भरतपुर से 40 किलोमीटर दूर मथुरा है और 30 किलोमीटर दूरी पर गोवर्धन स्थित गिरिराज पर्वत है. यहां से भी हजारों की संख्या में भगवान श्रीकृष्ण की जन्म भूमि के दर्शन करने श्रद्धालु पहुंचते हैं.
चरणामृत लेकर खोलते हैं व्रत
भरतपुर शहर के प्राचीन और ऐतिहासिक बांके बिहारी मंदिर में रात को 12 बजे श्रीकृष्ण का पंचामृत से अभिषेक कर चरणामृत का वितरण किया जायेगा. जन्माष्टमी के अवसर पर महिलाएं और पुरुष व्रत रहते हैं और कन्हैया जी के अभिषेक के बाद चरणामृत लेकर व्रत खोलते हैं या चरणामृत लेने के बाद ही कुछ पानी वगैरा ग्रहण करते हैं. मंदिरों में अभिषेक के समय भजनों पर महिला पुरुष भक्ति भाव से नाच-गाकर बड़े ही हर्षोल्लास से कन्हैया का जन्मदिन मना रहे हैं.
पांच दिवसीय होंगे कार्यक्रम
भरतपुर के प्राचीन और ऐतिहासिक बांके बिहारी मंदिर में पांच दिन तक जन्माष्टमी के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. आज रात को 12 बजे कान्हा का अभिषेक होगा कल कृष्ण सज्जा प्रतियोगिता कराई जाएगी. लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों को कृष्ण स्वरूप देकर प्रतियोगिता में भाग लेंगे. इसके बाद एक दिन भगवान कृष्ण के भजन कीर्तन का आयोजन किया जायेगा, जैसे घर में नवजात शिशु के जन्म लेने पर कार्यक्रम होते है. उसी तरह भगवान कृष्ण के जन्म पर भी बिहारी जी के मंदिर में कार्यक्रम आयोजन किये जायेंगे.
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