Rajasthan News: राजस्थान के बारां (Baran) जिले में मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक चीता पहुंच है, जो इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. वन्यजीव प्रेमियों ने इस घटना को अलग-अलग रूप दिया है. कोई बारां के जंगल को उपयुक्त बता रहा है, तो कुछ इसे सामान्य घटना मान रहे हैं. मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकला चीता घूमते हुए बारां जिले के केलवाड़ा क्षेत्र के जंगल में पहुंच गया. इस चीते का नाम अग्नि है. कूनो की टीम इस चीते की तलाश में जुटी हुई थी.


सोमवार (25 दिसंबर) को इसकी लोकेशन मध्य प्रदेश से सटे राजस्थान के कोटा संभाग में बारां जिले के केलवाड़ा जंगल में मिली, तो टीम तुरंत वहां पहुंची. टीम ने चीते को ट्रैंकुलाइज किया और पिंजरे में डालकर ले गई. केलवाड़ा के क्षेत्रीय वन अधिकारी तरुण कुमार ने इस बात की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि केलवाड़ा क्षेत्र में खंडेला के जंगल में यह एक चीता आ गया था. कूनो नेशनल पार्क की टीम उसे पकड़कर वापस ले गई. जिस जगह चीता मिला, वह मध्य प्रदेश सीमा से करीब 15 किलोमीटर अंदर जंगल है. 


अग्नि और वायु रिश्ते में सगे भाई 
बारां वन विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि कूनो का चीता बारां में आ सकता है, उसकी लोकेशन वहीं आ रही है. इसके बाद केलवाड़ा और किशनगंज रेंज की टीम को मौके पर रवाना किया था. जब चीते का मूवमेंट बंद हुआ तो लोकेशन के आधार पर उसके ट्रैंकुलाइज किया गया. बताया जा रहा है कि अग्नि और वायु चीते रिश्ते में सगे भाई हैं. वह शुरू से ही साथ रहते आए हैं और दोनों एक ही बाड़े में साथ रहते हैं. यह दूसरे जानवरों पर भी एक साथ शिकार करते हैं, इनकी दूसरे चीतों से टकराव भी हो चुकी है.


बारां में चीता बसाने की उठी थी मांग
वहीं अग्नि चीता लगातार कूनो नेशनल पार्क के रिजर्व जोन से बाहर चल रहा था. इसे लेकर वन्य प्रेमियों की ओर से दावा किया गया था कि वह भटक कर कूनो से बाहर आ गया. ऐसा भी हो सकता है कि यह अपनी अलग से टैरेटरी तैयार कर रहा है, लेकिन दूसरी ओर कोटा के वन्यजीव प्रेमी इस घटना को बारां के लिए अच्छा मान रहे हैं, क्योकि पहले ही यहां चीता बसाए जाने की मांग उठ चुकी है. चीते का यहां आना यहां की प्रकृतिक परिस्थियों के अनुकूल है.


2022 में नामीबिया से कूनों आए थे 8 चीते
कूनों में साल 2022 में इन चीतों को छोड़ा गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर इन्हें यहां छोड़ा गया था. इस दौरान भारत में 70 साल बाद चीतों की वापसी हुई थी. 8 चीतों से कूनो आबाद तो हुआ, लेकिन समय-समय पर इनकी मौत ने वन अधिकारियों को चिंता में भी डाल दिया था. 18 फरवरी 2023 को साउथ अफ्रीका से 12 और चीतों को कूनो में छोड़ा गया था. यानी कुल मिलाकर नामीबिया और साउथ अफ्रीका से 20 चीते लाए भारत लाए गए थे. नामीबिया से आई एक मादा चीते की मौत हो गई थी, जबकि एक मादा ने चार शावकों को जन्म दिया था, ऐसे में यहां चीते बढ़ते रहे और अब बारां जिले में चीते का आना कई और संदेश भी दे रहे हैं.



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