Rajasthan Politics: देशभर में इन दिनों चर्चा में चल रहे बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर दर्ज मुकदमे पर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है.लगातार अलग-अलग समाज की तरफ से दर्ज मुकदमे का विरोध हो रहा है.यहीं नहीं कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर भी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर दर्ज मुकदमे का विरोध कर चुके हैं.इसी क्रम में हिन्दू संगठनों के साथ उदयपुर के वकील भी सड़क पर उतर आए हैं.ये सभी लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग कर रहे हैं.वकीलों ने हिन्दू संगठनों के साथ राज्यपाल के नाम जिला पुलिस अधीक्षक विपस कुमार शर्मा को ज्ञापन सौपा.इस मामले में राजसमंद जिले में गिरफ्तार हुए पांच युवकों की भी एक गंभीर बात सामने आई है. उनके लिए भी मांग रखी गई है.


किसी भी रंग का कोई झंडा किसी धर्म का प्रतीक नहीं


मांग को लेकर बार एसोसिएशन, अधिवक्ता परिषद राजस्थान,बीजेपी उदयपुर का विधि प्रकोष्ठ, बजरंग सेना मेवाड, श्रीराम सेना, सालवी समाज, क्षत्रिय महासभा संस्थान समेत विभिन्न संगठन के लोग कलेक्ट्री पर पहुंचे.इन लोगों ने वहां नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मोगरा ने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर किया गया मुकदमा गलत है.भारत में संविधान सर्वोपरि है.भारत की समस्त विधियां संविधान द्वारा अनुशाषित हैं.भारत के संविधान में किसी एक रंग को किसी धर्म या संप्रदाय के लिए आरक्षित करने का प्रावधान नहीं है.इस दशा में तथाकथित तौर पर किसी रंग विशेष को प्रशासन द्वारा किसी धर्म या समुदाय विशेष से जोड़कर अपराध पंजीबद्ध किया गया है.यह समझ से परे है. प्रथम दृष्ट्या इस बात का कोई उल्लेख नहीं है कि किनके समक्ष तथाकथित शब्द उच्चारित किये गए एवम किन्हें आपत्ति है.जल्दबाजी में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर हाथीपोल और केलवाडा थाने में की गई इस कार्रवाई को तुरंत प्रभाव से वापस लेना चाहिए.


युवकों पर की गई कार्रवाई भी गलत


उन्होंने यह भी कहा कि उदयपुर के पांचों युवकों पर 24 मार्च को कुंभलगढ़ में बेवजह झूठा मुकदमा दर्ज किया गया.रात को 3 बजे इन्हे गिरफ्तार करने के बाद धारा 185 में सुबह 11 बजे जमानत मुचलका भर देने के बाद भी दोपहर 3 बजे हरे झंडे हटाने एवं भगवा झंडे लगाने का झूठा मुकदमा दर्ज किया गया.लगातार 36 घंटे तक बेरहमी से केलवाडा थाना पुलिस द्वारा इनके साथ मारपीट की गई.केलवाडा थाने से रेलमगरा मजिस्ट्रेट साहब के आवास पर पेश करने से पूर्व राजसमंद पुलिस लाइन के क्वार्टर में इन युवाओं को रिवाल्वर दिखाकर धमकाया गया और वीडियो बनाया गया.यह अमानवीय कृत्य पुलिस द्वारा किया गया.अतः 36 घंटे तक लॉकअप में रखने के उक्त दिनांक के सारे सीसीटीवी फुटेज संभाल कर रखे जाएं. रोजनामचा चेक किया जाए और निष्पक्ष कार्यवाही कर इन युवाओं के उपर से भी केस हटाया जाए.साथ ही मारपीट करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कानूनी कार्यवाई की जाए.


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