Rajasthan Politics: सचिन पायलट के अनशन पर बीजेपी का पलटवार, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस नेता से की यह अपील
Jaipur News: राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सचिन पायलट को बीजेपी शासन पर आरोप लगाने की जगह अपनी कांग्रेस सरकार के अबतक के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की भी निष्पक्ष जांच की मांग उठानी चाहिए थी.
Congress vs BJP: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीजेपी (BJP) की सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि पायलट को कांग्रेस (Congress) सरकार के चार साल चार महीने के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की भी निष्पक्ष जांच की मांग करनी चाहिए.राठौड़ ने राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे सचिन पायलट की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर प्रतिक्रिया में यह बात कही.
क्या कहा है राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष ने
राठौड़ ने कहा,''पायलट को पूर्ववर्ती बीजेपी शासन पर अनर्गल आरोप लगाने की बजाय,अपनी ही कांग्रेस सरकार के चार साल चार माह के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की भी निष्पक्ष जांच की मांग उठानी चाहिए थी. लेकिन दुर्भाग्य रहा कि उन्होंने अपनी ही सरकार के काले कारनामों पर एक शब्द भी नहीं बोला.''
उन्होंने एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री और पूर्व उपमुख्यमंत्री के बीच की अंतर्कलह इस कदर बढ़ी हुई है कि अब पायलट साहब अपनी ही सरकार के खिलाफ 11 अप्रैल को जयपुर में शहीद स्मारक पर अनशन पर बैठेंगे.बीजेपी नेता ने कहा कि गहलोत शासन में प्रत्येक विभाग और योजना में उच्च से लेकर निम्न स्तर तक भ्रष्टाचार का तांडव है. अच्छा रहे कि हर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के नामजद एक एक मिनी मुख्यमंत्री के कारनामों की भी जांच कराई जाए ताकि भ्रष्टाचार की हकीकत प्रदेश की जनता को पता चल सके.
नेता प्रतिपक्ष ने गिनाए राजस्थान में भ्रष्टाचार के मामले
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट को अडानी समूह को राजस्थान लोक उपापन में पादर्शिता (आरटीपीपी) अधिनियम की धज्जियां उड़ाते हुए सिंगल टेंडर के जरिए 1042 करोड़ रुपये से अब तक का सबसे महंगा 5.79 मिलियन टन कोयला खरीदने की मंजूरी देने के मामले में हुए भ्रष्टाचार की जांच की मांग करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि साथ ही निजी विद्युत उत्पादनकर्ताओं से महंगी बिजली खरीद घोटाला और जयपुर, जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम मामले की भी जांच होनी चाहिए.
राठौड़ ने कहा कि ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल सर्वे में 67 फीसदी, इंडिया करप्शन सर्वे 2021 और ट्रेस रिश्वत जोखिम मैट्रिक्स 2021 के सर्वे में 78 प्रतिशत लोगों ने यह माना था कि गहलोत सरकार में बिना रिश्वत को कोई काम नहीं होता.उन्होंने कहा कि इन सर्वे में राजस्थान को सर्वाधिक भ्रष्ट किन आधारों पर माना है,पायलट जी को इसकी भी जांच की मांग उठानी चाहिए.
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में भ्रष्टाचार की गंगा इस कदर बह रही है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद सार्वजनिक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार को स्वीकार करते हुए कहा कि अधिकारियों और ठेकेदारों के गठजोड़ से राजस्थान की सड़कें बर्बाद हुई हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावे कई अन्य मामले हैं जिनकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
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