Rajasthan News: बूंदी के गांवों में फैला तेंदुए का आतंक, अबतक 12 मवेशियों का कर चुका है शिकार, वन विभाग बना रहा है यह योजना
Rajasthan News: वन विभाग के एसीएफ संजय शर्मा ने बताया की तेंदुए को पकड़ने के लिए कोटा चिड़ियाघर से पिंजरा मंगवाया गया है. इसमें चारे सहित शिकार सबंधित सामग्री रखकर उसे पकड़ने की कोशिश करेंगे.
बूंदी: राजस्थान (Rajasthan) के बूंदी जिले के 4 गावों में तेंदुए (Panther) की दहशत से ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ है. जिले के लांबाखोह, पटपड़िया, नरोली, गणेशपुरा, पीपल्दा गांवों में इन दिनों तेंदुए की दहशत बनी हुई है. तेंदुए अब तक एक दर्जन से अधिक पशुओं को शिकार बना चुका है. तेंदुए की दहशत से हालात यह बन गए हैं कि शाम होने से पहले लोग अपने घरों की ओर लौट जाते हैं. महिलाएं, बच्चें और बुजुर्ग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. हालांकि ग्रामीण एहतियात बरत रहे हैं. तेंदुए की दहशत के कारण डरे-सहमे लोगों में वन विभाग की उदासीनता को लेकर नाराजगी भी बढ़ रही है. हालांकि वन विभाग ने तेंदुए को कैद करने की तैयारी शुरू कर दी है. इन सभी गांवों के जंगल के करीब होने से वहां तेंदुए का मूवमेंट अधिक होने लगा है.
वन विभाग के एसीएफ संजय शर्मा ने बताया की कोटा चिड़ियाघर से पिंजरा मंगवाया गया है. इसमें चारे सहित शिकार सबंधित सामग्री को रखा जाएगा, ताकि तेंदुआ शिकार करने के लिए पिंजरे की ओर बढ़े और उसको पकड़ा जा सके. उन्होंने बताया की ग्रामीणों ने हमे शिकायत में कहा है की पिछले एक माह से तेंदुए ने नाक में दम कर रखा है. भीषण गर्मी के चलते कमरों में सो पाना मुश्किल हो रहा है, वहीं आंगन-छत पर सोने में भी डर लग रहा है. लेकिन अभी तक भय का माहौल दूर नहीं किया जा सका है.
पैंथर अब तक 1 दर्जन पशुओं का कर चुका है शिकार
गोपाल गुर्जर नाम के एक ग्रामीण ने बताया की हमारे गांव के बीचों-बीच माता का मंदिर है. रात को गांव के कुछ लोग मंदिर के चबूतरे पर बैठे हुए थे. अचानक बाड़े में बंद मवेशी बाहर निकलने लगे तो सभी सहम गए. वहां जाकर देखा तो तेंदुए ने दो बछड़ों पर हमला कर दिया. तेंदुआ ग्रामीणों को देखकर दहाड़ते हुए भाग गया. लेकिन जाते-जाते एक बछड़े का शिकार कर गया और दूसरे को जख्मी कर गया. उसकी भी बाद में मौत हो गई.
तेंदुए ने अब तक क्षेत्र में गोपाल गुर्जर, रघुवीर, लक्ष्मण, देवलाल, कैलाश, कंचन शर्मा सहित कई ग्रामीणों के पशुओं को अपना शिकार बना चुका है. ग्रामीणों ने बताया की पहले तो तेंदुए का गांव के बाहर ही मूवमेंट दिखाई देता था. लेकिन अब तो वह गांव के बीचों बीच आकर खेतो और बाड़ों में से मवेशी उठाकर ले जा रहा है. इससे गांववाले दहशत में हैं कि वो कहीं इंसानों पर न हमला कर दे.
वन विभाग बोला, एक से अधिक हो सकता है पैंथर का मूवमेंट
लांबाखोह, पटपड़िया, नरोली, गणेशपुरा, पीपल्दा गांवों लगातार बड़ी शिकार की घटनाओं के बाद वन विभाग का मानना है कि इन गांवों में एक से अधिक तेंदुओं का मूवमेंट हो सकता है. एसीएफ संजय शर्मा ने बताया की दो महीने पहले तेंदुए का मूवमेंट हुआ था. लेकिन उस समय उसने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया था. लेकिन अब कुछ दिनों से पैंथर लगातार गांवों में आ रहा है और मवेशियों को अपना निशाना बना रहा है. हमने पैंथर के पगमार्क भी लिए है. हमें अलग अलग पगमार्क मिले हैं. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है की तेदुओं की संख्या एक से अधिक है. हमने पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने के लिए टीम लगा दी है. गर्मी के दिनों में गांव में पैंथर का मूवमेंट होना पानी की तलाश में भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि हम जल्द तेंदुए को बेहोश कर ग्रामीण में फैली दहशत को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं.
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