Rajasthan: राजस्थान में कांग्रेस को लगेगा बड़ा झटका! BJP में शामिल हो सकते हैं MLA महेंद्रजीत सिंह मालवीय
Mahendrajeet Singh Malviya: राजस्थान में कांग्रेस विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय के सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है.
Rajasthan News: लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारी जोर शोर से चल रही है. इस बीच बड़े नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला भी लगातार जारी है. बीते दिनों महाराष्ट्र में कांग्रेस (Congress) के दो बड़े नेताओं ने बीजेपी (BJP) और शिवसेना शिंदे गुुट को ज्वाइन किया. अब राजस्थान में भी ऐसे ही भूचाल की आहट सुनाई दे रही है. राजस्थान में कांग्रेस विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय (MLA Mahendrajeet Singh Malviya) के सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है, जिससे प्रदेश में पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है.
राजस्थान में बांसवाड़ा के बागीदौरा से मौजूदा विधायक महेंद्रजीत बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं. वह इससे पहले यहां के सांसद रह चुके हैं. राजस्थान की पिछली गहलोत सरकार में वह जल संसाधन और सिंचाई मंत्री थे. सूत्रों के मुताबिक मालवीय कांग्रेस से नाराज हैं. गौरतलब है कि 14 फरवरी को राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सोनिया गांधी के नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान मालवीय जयपुर नहीं आए थे.
कब-कब जीते मालवीय?
बागीदौरा विधानसभा सीट मेवाड़ क्षेत्र का हिस्सा है, जो जिलों के पुनर्गठन से पहले बड़े पैमाने पर भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, राजसमंद और उदयपुर के पुराने जिलों तक फैला हुआ है. मालवीय पहली बार 2008 में जनता दल (यूनाइटेड) के जीतमल खांट को 45,000 वोटों से हराकर विधायक बने थे. वहीं 2003 में खांट ने मालवीय को 6 हजार वोटों से हराया था. इसके बाद 2013 में मजबूत सत्ता विरोधी लहर के बावजूद जब कांग्रेस सिर्फ 21 सीटों पर सिमट गई थी, तब मालवीय ने बीजेपी के खेमराज गरासिया को हराकर अपनी सीट बरकरार रखी थी. उन्होंने 2018 में गरासिया को फिर से हराया था.
2020 में सामने आया था मालवीय का नाम
वहीं 2020 में टोंक विधायक सचिन पायलट और उनके वफादार विधायकों के ग्रुप द्वारा अशोक गहलोत सरकार को गिराने के प्रयास के संबंध में दर्ज एक प्राथमिकी में मालवीय का नाम भी सामने आया था. यह मामला 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान लीक हुए कथित ऑडियो क्लिप से संबंधित है, जिसमें कुछ लोगों को यह कहते हुए सुना गया था कि मालवीय पायलट के साथ थे, लेकिन उन्होंने पाला बदल लिया है.