Lok Sabha Election 2024: बदली नजर आ रही बांसवाड़ा सीट की हवा, बीजेपी-कांग्रेस के आलावा ये तीसरी पार्टी भी मैदान में
Rajasthan Lok Sabha Election: बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर पिछली दो बार से बीजेपी जीत रही है. लेकिन, इस बार के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डाले तो यहां बीजेपी कमजोर और कांग्रेस मजबूत नजर आ रही है.
Rajasthan: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के साथ स्थानीय पार्टियां भी आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. पार्टियां प्रदेश में एक-एक लोकसभा सीट का गणित देख रही हैं. ऐसे में मेवाड़ वागड़ की चार लोकसभा सीटें भी बहुत अहम हैं, लेकिन इन चारों में से एक बांसवाड़ा (Banswara) सीट की हवा इस बार कुछ और ही बयां कर रही है. अब तक यहां से बीजेपी और कांग्रेस के सांसद बनते आ रहे हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव में यहां की स्थानीय पार्टी ने भी चौंकाया है.
बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर पिछली दो बार से बीजेपी जीत रही है, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डाले तो यहां बीजेपी कमजोर और कांग्रेस मजबूत नजर आ रही है, लेकिन तीसरी पार्टी भी इस सीट पर सेंध मारने के लिए बैठी है. क्योंकि, हाल ही हुए विधानसभा चुनाव ने इस पार्टी में पूरी तरह से कॉन्फिडेंस ला दिया है. जिस तीसरी पार्टी की हम बात कर रहे हैं, वह है भारत आदिवासी पार्टी. बांसवाड़ा लोकसभा सीट जनजातीय आरक्षित सीट है. इस लोकसभा में डूंगरपुर और बांसवाडा जिले की आठ विधानसभा सीटें आती हैं.
बीजेपी के यहां सिर्फ दो विधायक
इसमें डूंगरपुर, सागवाड़ा, चौरासी, गढ़ी, बांसवाड़ा, बागीदौरा, कुशलगढ़ और घाटोल विधानसभा सीट शामिल है. ये सभी जनजाति आरक्षित सीटे हैं. इन आठ विधानसभा सीटों में बीजेपी के सिर्फ दो विधायक हैं. वहीं भारत आदिवासी पार्टी का एक विधायक है. कांग्रेस पार्टी के पांच विधायक है. भारत आदिवासी पार्टी का यहां चाहे एक ही विधायक है, लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखें तो पार्टी चार सीटों पर दूसरे नंबर पर रही. ये आंकड़े बीजेपी के लिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय हैं.
बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर 20 लाख वोटर्स
बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर साल 2019 के लोकसभा चुनाव के समय जारी आंकड़ों के अनुसार, यहां की जनसंख्या करीब 29 लाख है, जिसमें से 20 लाख वोटर्स है. इनमें भी ज्यादातर गांवों में निवास करते हैं. पिछले छह चुनाव की बात करें तो यहां साल 1998 में कांग्रेस के महेंद्रजीत सिंह जीते. साल 1999 में यहां फिर चुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस के ताराचंद भगोरा को जीत मिली.
साल 2004 में बीजेपी के धन सिंह रावत, साल 2009 में कांग्रेस के ताराचंद भगोरा, साल 2014 में बीजेपी के मानशंकर निनामा और साल 2019 में बीजेपी के कनकमल कटारा जीते. गौरतलब है कि इससे पहले साल 1952 से 1996 तक 10 बार इस सीट से कांग्रेस के सांसद रहे. बांसवाड़ा सीट कांग्रेस का गढ़ थी, लेकिन पहले बीजेपी ने सेंध लगाकर इस सीट पर अपना परचम लहराया. अब यहां तीसरी पार्टी भी दावेदारी कर रही है.
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