Lok Sabha Election: राजस्थान में BJP की इन सीटों पर 'ग्रीन' और यहां पर 'रेड सिग्नल', ज्योति को उपाध्यक्ष बनाकर दिए नए संकेत
Rajasthan Loksabha Election: राजस्थान में भाजपा की एक-एक लोकसभा सीट पर जमीनी तैयारी चल रही है. पिछली दो बार से लगातार बीजेपी को राजस्थान की सभी लोकसभा सीटों पर जीत मिली है.
Rajasthan Loksabha Election 2024: राजस्थान में लोकसभा चुनाव (Loksabha Election) को लेकर बीजेपी (BJP) लगभग सभी सीटों पर तैयारी कर चुकी है. वहीं, कुछ सीटें ऐसी हैं जहां पर अभी मुश्किल है. उन सीटों पर अभी 'रेड सिग्नल' है. पार्टी ज्यादातर सीटों पर 'ग्रीन सिग्नल' दे चुकी है, जबकि कुछ सीटों पर नाम भी फाइनल हो गए हैं. जानकारी के मुताबिक कुछ को हैट्रिक लगाने से रोका जा सकता है और कुछ को हैट्रिक लगाने के लिए हरी झंडी दे दी गई है.
हालांकि शुक्रवार (1 मार्च) को जिस तरह से नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा को बीजेपी का उपाध्यक्ष बनाया गया है, उससे कई संकेत मिल रहे है. जबकि, नागौर से ज्योति के चुनाव लड़ने की यहां पर चर्चा थी. अब नागौर लोकसभा सीट पर कोई नया चेहरा देखा जा सकता है. ऐसे में इस सीट पर भी 'ग्रीन सिग्नल' की जगह 'रेड सिग्नल' आ गया है.
राजस्थान में इन सीटों पर 'ग्रीन सिग्नल'
राजस्थान में कुल 25 लोकसभा की सीटें हैं. ऐसे में दो बार से लगातार बीजेपी को सभी सीटों पर जीत मिल रही है. अब इस बार हैट्रिक की तैयारी है. मगर, कुछ सीटों पर पार्टी को जीत का कोई संदेह नहीं है. जिसमें जयपुर शहर और ग्रामीण लोकसभा सीटें, अजमेर, चित्तौड़गढ़, दौसा, झालावाड़-बारां, कोटा-बूंदी, उदयपुर, राजसमंद, जोधपुर, बीकानेर, पाली, भरतपुर, भीलवाड़ा और अलवर पर पार्टी 'ग्रीन सिग्नल' दे चुकी है. यहां बस नाम फाइनल करने हैं.
राजस्थान में इन सीटों पर 'रेड सिग्नल'
राजस्थान के सीकर, चुरुं, झुंझनूं, टोंक-सवाईमाधोपुर, करौली-धौलपुर, श्रीगंगानगर, नागौर, बांसवाड़ा-डूंगरपुर, बाड़मेर-जैसलमेर, जालोर-सिरोही सीटों पर 'रेड सिग्नल' मिल चुका है. यहां पर भले ही भाजपा बड़े वोटों के अंतर से चुनाव जीत चुकी है लेकिन इस बार यहां पर पार्टी चेहरा भी बदलना चाह रही है और यहां पर जातिगत समीकरण को पूरी तरह से अध्ययन किया जा रहा है ताकि कोई चूक न हो जाये. प्रदेश के इन्हीं सीटों पर पार्टी दूसरे दल के नेताओं पर भी दांव लगाने को लेकर विचार कर रही है. इन क्षेत्रों में विधान सभा चुनाव में पीएम के दौरे हुए फिर भी पार्टी को सीटें न के बराबर मिली हैं.
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