Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में अब कुछ ही समय बचा हुआ है. ऐसे में राजनीतिक दलों के बीच जोड़-तोड़ की राजनीतिक के साथ नेताओं में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. वागड़ में महेंद्र जीत सिंह मालविया के बीजेपी में शामिल होने के बाद कांग्रेस (Congress) और भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के हाथ मिलाने की बात सामने आई थी, लेकिन कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने मंच से इस बात से इनकार किया, तो अब आरोप की राजनीतिक शुरू हो गई है.


एआईसीसी सदस्य और डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने भारत आदिवासी पार्टी के विधायकों पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने बाप के दो विधायकों पर 25-25 करोड़ रुपये लेकर जनता के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है. वहीं इस मामले को लेकर आदिवासी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत से एबीपी न्यूज ने संपर्क करना चाहा, लेकिन उसने संपर्क नहीं हो सका. 


यहां से शुरु हुई तकरार

वागड़ में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे महेंद्रजीत सिंह मालविया हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए. इसके बाद से वागड़ का सियासी समीकरण बदल गए. यहां चर्चा होने लगी कि वागड़ में कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी लोकसभा चुनाव में हाथ मिलाएगी. इसको लेकर तीन दिन पहले कांग्रेस की वागड़ में बैठक हुई. इसमें पूर्व मंत्री अर्जुन बामनिया, एआईसीसी सदस्य और विधायक गणेश घोघरा सहित अन्य कांग्रेस विधायकों ने मंच से कहा कि भारत आदिवासी पार्टी से गठबंधन नहीं होगा. इसके बाद अब कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा का एक वीडियो सामने आया है. इसमें भारत आदिवासी पार्टी के विधायकों पर आरोप लगाया है.

 

कांग्रेस विधायक ने गाया ये आरोप
राजकुमार रोत भारत आदिवासी पार्टी के डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा से विधायक हैं. वहीं गणेश घोघरा डूंगरपुर विधानसभा से विधायक हैं. गणेश घोघरा ने आरोप लगाया कि भारतीय ट्राइबल पार्टी में नियम है कि एक बार विधायक बनने के बाद दूसरी बार टिकट नहीं दिया जाता है. विधायक बनने के लिए राजकुमार ने भारतीय ट्राइबल पार्टी (इस पार्टी से रोत विधायक थे) को छोड़ भारत आदिवासी पार्टी बनाई, उसके बाद विधायक बने और जनता को गुमराह किया. साथ ही भड़काऊ भाषण देकर युवाओं का भविष्य खराब किया. 

 

'महेंद्र जीत सिंह मालविया अब मेरे गुरु नहीं'

उन्होंने आरोप लगाया कि भारत ट्राइबल पार्टी के विधायक रहे राजकुमार रोत और रामप्रसाद ने 25-25 करोड़ रुपये लेकर जनता और युवाओं के सपनों को बेच दिया. उनको कांग्रेस सरकार को समर्थन देने के बदले क्षेत्र की मांग पूरी करने की शर्त रखनी चाहिए थी. गणेश घोघरा ने विधायक राजकुमार द्वारा दिए गए गुरु चेले के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि महेंद्र जीत सिंह मालविया कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के नाते गुरु समान थे. पार्टी छोड़ने के साथ यह रिश्ता समाप्त हो गया. उनके साथ कभी नहीं जाऊंगा.