Rajasthan News: बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए क्या CP जोशी लड़ेंगे लोकसभा का चुनाव? पांच अध्यक्षों की कुछ ऐसी रही कहानी
Rajasthan Lok Sabha Election 2024: पिछले तीन लोकसभा चुनाव से राजस्थान में बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए किसी ने चुनाव नहीं लड़ा. ऐसे में इस बार भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
Rajasthan Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. बीजेपी सूत्रों की मानें तो इस बार 20 लोकसभा सीटों पर चेहरे बदले की तैयारी हो रही है. इसके लिए पार्टी की तरफ से सर्वे भी कराए जा चुके हैं. इनमें से कई सीटों पर नाम फाइनल भी हो गए हैं. बस उनके नाम की घोषणा होना बाकी है. ऐसे में उन नेताओं के लिए सवाल खड़े हो रहे हैं जो अभी सांसद है.
इसके साथ ही साथ जिन्हें पार्टी में जिम्मेदारी मिली है उनके भी टिकट पर 'मंथन' चल रहा है. चूंकि, विधान सभा चुनाव के दौरान यह बात सामने आई थी कि संगठन में जिनके पास जिम्मेदारी है उन्हें चुनाव नहीं लड़ाया जा सकता है. लेकिन, भजनलाल शर्मा, दिया कुमारी और बाबा बालकनाथ को टिकट मिला और ये सभी चुनाव भी जीते हैं. तो क्या अब भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी को चुनाव लड़ाया जायेगा या नहीं?
चित्तौड़गढ़ में पार्टी को हुआ नुकसान?
इस बार हुए विधान सभा चुनाव में चित्तौड़गढ़ विधान सभा सीट पर भाजपा की जमानत जब्त हो गई है. दूसरे नम्बर पर कांग्रेस और निर्दलीय को जीत मिली है. इससे भाजपा में मंथन चल रहा है. सूत्रों का कहना कि यहां से भाजपा अगर सीपी जोशी को मैदान में उतारती है तो कई मजबूत निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं.
इसलिए यहां से बीजेपी किसी दूसरे चेहरे पर दांव लगा सकती है. इसीलिए, सीपी जोशी किसी अन्य सीट की तलाश में है. हालांकि, भाजपा के सूत्रों का कहना है कि फरवरी के अंत या मार्च के प्रथम सप्ताह में कई बड़े निर्णय सामने आ सकते हैं.
कुछ ऐसी रही इन पांच अध्यक्षों की कहानी
वर्ष 2013 से वर्ष 2014 तक के लिए वसुंधरा राजे भाजपा अध्यक्ष रहीं लेकिन उस दौरान राजस्थान में भाजपा की सरकार आई और राजे मुख्यमंत्री बनीं. वर्ष 2014 में अशोक परनामी भाजपा के अध्यक्ष बने. उस दौरान वो विधायक रहे. परनामी ने कोई लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा. वर्ष 2014 से 2018 तक अध्यक्ष रहे.
वर्ष 2018 से 2019 के बीच मदन लाल सैनी को भाजपा अध्यक्ष बनाया गया. उन्हें भी लोकसभा चुनाव में मौक़ा नहीं मिला. जबकि सैनी वर्ष 1991 और 1998 में झुंझनूं लोकसभा का चुनाव लड़ा था, मगर उन्हें हार मिली थी. हालांकि, उन्हें राज्यसभा के लिए भेजा गया था. सतीश पूनियां जब भाजपा के अध्यक्ष बने तब वो विधान सभा के सदस्य थे. लेकिन विधान सभा चुनाव से पहले उन्हें अध्यक्ष पद से हटना पड़ा था.
उसके बाद सीपी जोशी को अध्यक्ष बनाया गया. मगर, सीपी जोशी को विधान सभा का चुनाव नहीं लड़ाया गया. जबकि, उस दौरान यह चर्चा थी कि सीपी जोशी को विधान सभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है.
यह भी पढ़ें: Rajasthan News: कोटा में दिखेंगे दुनियाभर के वैज्ञानिक चमत्कार, ब्रह्मांड की खगोलीय घटनाएं भी आएंगी एक ही जगह पर नजर