Rajasthan Lok Sabha Chunav 2024: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए राजस्थान में अभी से तैयारी शुरू हो गई है. लोकसभा चुनाव में बेहतर नतीजे हासिल करने के लिए कई तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं. इस बार प्रदेश के सभी लोकसभा सीटों पर क्षेत्रवार मुद्दों को चुनावी मुद्दा बनाए जाने की तैयारी है. इस बार उत्तर प्रदेश के घोसी मॉडल को यहां पर भी पेश किया जा सकता है. जिसके लिए भरतपुर के लक्ष्मीकांत ने अभी से पूरी तैयारी कर रखी है. उन्होंने बताया कि यह घोसी नव निर्माण मंच घोसी लोकसभा के प्रबुद्ध लोगों के द्वारा मिलकर बनाया गया एक संगठन है. जो क्षेत्रीय मुद्दों पर निरंतर आवाज उठा रहा है. 


लक्ष्मीकांत के मुताबिक, घोसी मॉडल के तर्ज पर भरतपुर में भी स्थानीय मुद्दों को उठाया जाएगा. आने वाले समय में राजस्थान के अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में ऐसे ही मुद्दों को उठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस संगठन में सभी जाति-धर्म के लोग शामिल हो रहे हैं. इस संगठन के संस्थापक बद्री नाथ देश के रणनीतिकार प्रशांत किशोर के सहयोगी रहे हैं. कई राज्यों में चुनावी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं. समय-समय पर क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के लिए कई शहरों में भेजते रहते हैं. विगत कई सालों से जन सेवा में क्षेत्र में काम करते हुए उन्होंने क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ाई है. 


'सियासी दल स्थानीय नेता को बनाए उम्मीदवार'
घोसी नव निर्माण मंच के सदस्यों में प्रमुख भरतपुर के लक्ष्मीकांत, अश्वनी सिंह, अखिलेश कुमार मल्ल, आशीष विश्वकर्मा, सत्यप्रकाश भारती, मुहम्मद असलम और प्रमोद यादव हैं. संगठन के सदस्यों का कहना है कि बद्री नाथ के नेतृत्व में स्थापित घोसी नव निर्माण मंच उनको नेता बनाने का अभियान नहीं बल्कि क्षेत्र में सभी पार्टियों के द्वारा क्षेत्रीय उम्मीदवार दिए जाने का अभियान चल रहा है. राजनीतिक दलों द्वारा क्षेत्रीय लोगों को टिकट नहीं दिया जा रहा है. इसलिए क्षेत्रीय नेतृत्व का विकास नहीं हो रहा है. संगठन के लोगों ने मांग की है कि राजनीतिक दलों को क्षेत्र के विकास के लिए स्थानीय नेताओं को उम्मीदवार के रुप में उतारना चाहिए. 


लोकसभा सीटों क्या है समीकरण?
राजस्थान में लोकसभा की कुल 25 लोग सीटें हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश की 24 सीटों पर जीत दर्ज किया था, जबिक एक सीट पर गठबंधन के प्रत्याशी आरएलपी ने जीती थी. पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद पार्टी का खाता भी नहीं खुला था. इस बार विधानसभा चुनाव के पहले से ही लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दल अभी से सजग हो गई हैं और इसके लिए जोरशोर से तैयारियों में जुटी हैं.


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