Lok Sabha Election 2024: राजसमंद से कांग्रेस प्रत्याशी सुदर्शन रावत ने टिकट लौटाने की बताई वजह, पत्र लिख लगाए गंभीर आरोप
Rajasthan Lok Sabha Chunav 2024: राजस्थान में दो चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर नामंकन प्रक्रिया शुरू हो गई. सियासी दलों के नेता नामंकन दाखिल करने को लिए जोरशोर से तैयारी कर रहे हैं.
Rajasthan Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों के प्रत्याशी जोर-शोर से नामांकन दाखिल करने की तैयारियों में जुटे हैं. इस चुनावी समर के दौरान मेवाड़ में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. प्रदेश की राजसमंद लोकसभा सीट से तीन दिन पहले कांग्रेस ने पूर्व विधायक सुदर्शन सिंह रावत को अपना प्रत्याशी घोषित किया था.
सुदर्शन सिंह रावत ने अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. पूर्व विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को टिकट लौटा दिया है. रावत ने इसको लेकर पार्टी आलाकमान को एक पत्र भी लिखा है. इस पत्र में उन्होंने मेवाड़ के कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
कांग्रेस आलाकमान को लिखे पत्र रावत ने क्या कहा?
आलाकमान को लिखे पत्र में सुदर्शन सिंह रावत ने कहा, "मुझे 2018 में कांग्रेस पार्टी ने प्रत्याशी के तौर पर भीम देवगढ़ से विधानसभा चुनाव लड़ने का अवसर दिया था. भीम देवगढ़ की जनता ने 15 साल के कुशासन से त्रस्त होकर मुझे सुशासन और विकास की आशा के साथ राजस्थान की विधानसभा में भेजा." उन्होंने लिखा कि साल 2018-2023 तक का कार्यकाल भीमदेव के विकास के मायने में ऐतिहासिक रहा.
कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए रावत ने कहा कि हमने रात दिन एक करके कोरोना काल से लोहा लेने के बाद आजाद भारत के 70 सालों के इतिहास में जो कार्य नहीं हुए उन्हें क्रियान्वित किया. दो नवीन उपतहसील, उपजिला चिकित्सालय, भीम में नगर पालिका, स्कूलों का क्रमोनयन, स्टेडियम सहित कई योजनाओं को धरातल पर लाकर आम लोगों के सपनों को साकार किया.
बीते साल राजस्थान विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर रावत ने लिखा, "इन सबके उपरांत बीते विधानसभा चुनावों से पूर्व के राजनितिक परिदृश्य को बदलने वाले घटनाक्रमों के कारण परिणाम अनुकूल नहीं रहे. हमें पराजय का सामना करना पड़ा. हमने जनता के जनादेश को स्वीकार किया."
सुदर्शन सिंह रावत ने कहा कि बीते एक माह में लोकसभा चुनाव की रायशुमारी की चर्चा के दौरान मैंने कई बार प्रदेश के सभी शीर्ष नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई थी, क्योंकि यह मेरी व्यक्तिगत राय थी. उन्होंने आगे लिखा कि ऐतिहासिक विकास कायों के बावजूद गत विधानसभा चुनाव की पराजय के मात्र चार माह बाद मुझे यह नैतिक अधिकार और तर्कसंगत भी नहीं लगा कि मैं लोकसभा चुनाव लड़ूं, न इसको लेकर मेरी कोई रणनीति तैयार थी.
'युवा और इच्छुक को मिले टिकट'
लोकसभा चुनाव में युवाओं को टिकट देने की मांग करते हुए रावत ने कहा, "मेरा व्यापार के सिलसिले में अगले दो माह तक विदेश दौरे पर रहने का कार्यक्रम था. इसलिए किसी युवा और इच्छुक व्यक्ति को मौका देकर उम्मीदवार बनाया जाए." उन्होंने नाम लिए बगैर कहा, "मेवाड़ के एक शीर्ष नेता की ओर से पार्टी नेतृत्व को अंधेरे में रखकर मेरे दो माह विदेश दौरे पर होने और बार-बार असहमति जताने के बावजूद मेरा नाम प्रस्तावित किया गया जो उचित नहीं है."
पूर्व विधायक रावत ने पत्र में लिखा कि 25 मार्च की शाम को मुझे सोशल मीडिया के जरिये मुझे उम्मीदवार बनाए जाने की खबर मिली, यह मेरे लिए हैरानी की बात थी. उन्होंने कहा कि मेरा शीर्ष नेतृत्व से आग्रह है कि मेरी जगह किसी योग्य और इच्छुक उम्मीदवार को मौका दिया जाए.
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