Rajasthan Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में अब कुछ ही समय बचा है. ऐसे में कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) दोनों ही पार्टियों ने दम झोंकना शुरू कर दिया है. बीजेपी की तो चुनावी सभा का एलान भी हो गया है. मेवाड़-वागड़ की चारों लोकसभा सीटों के कार्यकर्ताओं की बैठक और जनसभा होगी. इस जनसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) आएंगे और चुनावी शंखनाद करेंगे.


हालांकि, कांग्रेस की तरफ से अभी कोई सुगबुगाहट नहीं है, लेकिन कार्यकर्ताओं की बैठकों का आयोजन किया जा रहा हैं. इन चारों सीटों पर पिछले दो लोकसभा चुनाव से बीजेपी की जीत हो रही हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी की बात करें, तो यहां के दिग्गजों में कोई बार-बार चुनाव हार रहा है, तो कोई गुटबाजी में फंसा हुआ है.


उदयपुर लोकसभा सीट
उदयपुर लोकसभा सीट में आठ विधानसभा सीट आती है. इसमें से पांच बीजेपी, दो भारत आदिवासी पार्टी और एक कांग्रेस के पास है. विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखे तो यहां कांग्रेस का वर्चस्व कम है. यहां की कांग्रेस की लीडरशिप की बात करें, तो विधानसभा चुनाव में पार्टी ने राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ को चुनावी मैदान में उतार, लेकिन गौरव यहां भारी मतों से हारे.


इस सीट पर कांग्रेस के बड़े चेहरे की बात करें तो रघुवीर सिंह मीणा हैं, लेकिन यह भी लोकसभा और विधानसभा दोनों चुनाव हार चुके हैं. अब कांग्रेस के पास यहां कोई बड़ा चेहरा नहीं है. हालांकि, बीजेपी के सांसद अर्जुन लाल मीणा चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. ऐसे में इस बार यहां से दोनों पार्टियों के नए चेहरे नजर आएंगे.


चितौड़गढ़ लोकसभा सीट 
चितौड़गढ़ लोकसभा में आठ विधानसभा है, जिसमें सात बीजेपी और एक निर्दलीय के पास है. यहां बीजेपी का पलड़ा भारी है, क्योंकि निर्दलीय विधायक भी बीजेपी समर्थित हैं. खास बात यह है कि इस सीट से बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी सांसद हैं. वहीं कांग्रेस बात करें तो, यहां वर्तमान में कांग्रेस का बड़ा नाम उदयलाल आंजना हैं, जो पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री थे और इस बार हार गए हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में गोपाल सिंह उम्मीदवार थे, जिन्हें सीपी जोशी ने रिकॉर्ड पांच लाख से ज्यादा वोटों से हराया था. फिलहाल, यहां से अभी बीजेपी का चेहरा सीपी जोशी हैं और कांग्रेस का कोई बड़ा चेहरा नहीं है.


बांसवाड़ा लोकसभा सीट 

बांसवाड़ा लोकसभा सीट में आठ विधानसभा है, जिसमें पांच कांग्रेस, दो बीजेपी और एक भारत आदिवासी पार्टी के पास है. इसके अनुसार यहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत है. यहां बीजेपी के सांसद कनकमल कटारा हैं, जोकि बड़ा चेहरा हैं. वहीं कांग्रेस में बड़ा चेहरा महेंद्र जीत सिंह मालवीय हैं, जो वर्तमान में विधायक है और कांग्रेस सरकार में मंत्री थे, लेकिन मालवीय के बीजेपी में शामिल होने की बात हो रही है. अगर ऐसा हुआ तो यहां भी बीजेपी मजबूत स्थिति में आ सकती है, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में ताराचंद भगोरा कांग्रेस प्रत्याशी थे, जो काफी अंतर से हारे थे.

 

राजसमंद लोकसभा सीट 

राजसंमद लोकसभा सीट में चार जिलों की आठ विधानसभा आती है, जिसमें सभी बीजेपी के विधायक हैं. उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी यहां से सांसद थीं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों की तरफ से सांसद प्रत्याशी के रूप में कोई बड़ा चेहरा नहीं है. पिछले चुनाव में यहां कांग्रेस से सांसद प्रत्याशी देवकीनंदन गुर्जर थे जो पांच लाख से ज्यादा मार्जिन से हारे थे.

 

प्रतापगढ़ जिला 

प्रतापगढ़ जिले में कई सालों से बीजेपी का राज था. यहां नंदलाल मीणा कई बार विधायक बने और मंत्री भी रहे. नंदलाल रिटायर हुए तो पार्टी में गुटबाजी हुई, जिसका फायदा कांग्रेस को मिला. 2018 में कांग्रेस के रामलाल विधायक बने, लेकिन हाल ही हुए चुनाव में अपनी सीट नहीं बचा सके. नंदलाल के बेटे हेमंत मीणा ने उन्हें हरा दिया और अभी कैबिनेट मंत्री हैं. अब यहां कांग्रेस का कोई बड़ा चेहरा नहीं है.