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Lok Sabha Election: उदयपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के क्या है चुनौती? समझें राजनीतिक स्थिती
Lok Sabha Elections 2024 : उदयपुर लोकसभा सीट पर पिछले पांच चुनाव में यहां तीन बार बीजेपी तो दो बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. दोनों राजनीतिक पार्टियों को इस सीट के लिए चेहरा तय करना बड़ी चुनौती है.

(उदयपुर सीट के लिए बीजेपी-कांग्रेस की चुनौती)
Source : Getty+PTI
Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में विधानसभा होने के बाद अब लोकसभा चुनाव के चर्चाएं चलने लगी है. केंद्र से लेकर राज्य और लोकसभा सीट स्टार तक दोनों पार्टियां जुट चुकी हैं. सभी अलग अलग सीटों पर क्या सियासी हलचल है और वहां की परिस्थितियां क्या है इसको देखा जा रहा है. इसमें महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव के नतीजों को भी देखा जा रहा है. ऐसे में उदयपुर लोकसभा सीट की बात और पिछले दो चुनाव को नजरंदाज करें तो यहां बदलाव होता है. पिछले पांच चुनाव में यहां 3 बार बीजेपी तो दो बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. इसमें भी पिछले दो चुनाव से तो लगातार बीजेपी जीत रही है. जानिए क्या है स्थिति इस सीट की?
बीजेपी की स्थिति : उदयपुर लोकसभा सीट जनजाति आरक्षित सीट है. अभी यहां के सांसद बीजेपी के अर्जुन लाल मीणा (Arjunlal Meena) हैं. यह पिछले लंबे समय से एक्टिव नजर नहीं आ रहे हैं, जिसके पीछे कारण उनका स्वास्थ्य है. अर्जुनलाल मीणा बीजेपी की सभा में भी बोल चुके हैं कि अगली बार वह चुनाव नहीं लड़ेंगे. ऐसे में अब बीजेपी के पास एक भी चेहरा ऐसा नहीं है, जिसका इस क्षेत्र में नाम या प्रभाव हो. चेहरे हैं भी तो वह जनजातीय नहीं हैं, जिससे वह चुनाव में खड़े नहीं हो सकते हैं. बीजेपी के पास यहां वोट बैंक है, लेकिन सबसे पहले चेहरा तय करना सबसे बड़ी चुनौती है. हालांकि यह भी चर्चाएं चली थी कि तीसरी बार विधायक बने फूल सिंह मीणा (Phool Singh Meena) को लोकसभा में उतारा जाएगा, लेकिन उन्हें सभापति की जिम्मेदारी मिली है. ऐसे में अब चर्चाओं में भी कोई नाम नहीं है.
क्या है कांग्रेस की स्थिती?
कांग्रेस को यहां सिर्फ चेहरे की नहीं अन्य चुनौतियां भी है. कांग्रेस के रघुवीर सिंह मीणा वर्ष 2009 में यहां से सांसद बने थे, लेकिन इसके उनको हार का सामना करना पड़ा. यहीं नहीं हाल में हुए विधानसभा चुनाव 2023 में भी रघुवीर सिंह मीणा सलूंबर विधानसभा से खड़े हुए थे, लेकिन यहां भी उनको हार का सामना करना पड़ा. यहां से कद्दावर नेता का लगातार हारना भी कांग्रेस के लिए चिंता की बात है. रघुवीर सिंह मीणा ( Raghuveer Singh Meena) के अलावा कोई बड़ा चेहरा नहीं है. ऐसे में कांग्रेस को यहां चेहरे की चुनौती से निपटने के साथ ही जीत का रास्ता भी तलाशना होगा.
आदिवासी पार्टी का बढ़ता वोट बैंक दोनों के लिए चुनौती
विधानसभा चुनाव में वागड़ क्षेत्र में भारत आदिवासी पार्टी (Bharat Adivasi Party) बनी है. यह पार्टी इस चुनाव में उभरकर सामने आई. मेवाड़ की 28 विधानसभा में से 3 सीटों में जीत दर्ज की. यही नहीं, कुछ सीटों पर तो दूसरे नंबर पर रही. वोट बैंक भी काफी बढ़ा है. ऐसे में यह पार्टी कांग्रेस और बीजेपी के लिए चुनौती है. बात करे पिछले 5 चुनाव की बात करे तो यहां वर्ष 2019 में बीजेपी के अर्जुन लाल मीणा, वर्ष 2014 में बीजेपी के अर्जुन लाल मीणा, वर्ष 2009 में कांग्रेस के रघुवीर सिंह मीणा, वर्ष 2004 में बीजेपी की किरण माहेश्वरी, वर्ष कांग्रेस की 1999 में गिरिजा व्यास सांसद बनी. पिछले चुनाव के आंकड़ों के अनुसार 20.59 लाख वोटर्स हैं, जिसमें करीब 10.83 लाख पुरुष और 9.76 लाख महिला हैं. इस लोकसभा सीट में उदयपुर, उदयपुर ग्रामीण, सलूंबर, झाडोल, खेरवाड़ा, धरियावद, गोगुंदा और आसपुर विधानसभा क्षेत्र आते हैं.
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नयन कुमार झाराजनीतिक विश्लेषक
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