Rajasthan News: नागौर सीट से आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने भ्रष्टाचार के मामले में राज्य की सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो बीजेपी पर भी लगातार हमलावर रहे हैं. वह हाल ही में प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ भी नजर आए थे. उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस पर राजस्थान की जनता को लूटने के भी आरोप लगाए हैं. हनुमान बेनीवाल कांग्रेस पर जहां जुबानी हमले कर रहे हैं तो बीजेपी को धरातल पर अच्छा खासा नुकसान पहुंचा चुके हैं और इसका उदाहरण राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों में देखने को मिला है. जिसके बाद से 2024 के लोकसभा चुनाव जाट बहुल वाली सीटों को लेकर बीजेपी में चिंता बढ़ गई है.
आरएलपी के राजस्थान में तीन विधायक हैं. इसका जाट वोटों पर पकड़ माना जाता है. राजस्थान की जनसंख्या में 15 प्रतिशत हिस्सा जाटों का है. जबकि 200 विधानसभाओं में से 50-60 पर जाटों के वोट से ही चुनाव के परिणाम तय होते हैं. बता दें कि 2018 में 31 जाट नेताओं को जीत भी मिली थी. ऐसे में बीजेपी पर जाट नेता को उम्मीदवार बनाने का भी दबाव होगा और हर जगह नुकसान का खतरा आरएलपी से रहेगा जो उसके वोट काटते आई है.
9 उपचुनावों में बीजेपी को ऐसे पहुंचाया नुकसान
2018 के बाद राजस्थान में कुल 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं जिनमें से छह पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है जबकि बीजेपी को महज दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है. सभी सीटों के जीत का आंकड़ा देखें तो धोलपुर और राजमंद में बीजेपी को जीत मिली है, जबकि धरियावद, वल्लभ नगर, सुजानगढ़, सहाड़ा, मंडावा, सरदार शहर सीट में हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज किया है. जबकि खींवसर में आरएलपी के नारायण बेनीवाल चुनाव जीते हैं.
कहते हैं कि इन सीटों पर आरएलपी ने चुनाव लड़कर बीजेपी का खेल बिगाड़ दिया और कांग्रेस को जीत मिलती गई. बीजेपी को सिर्फ इतना ही झटका नहीं लगा बल्कि अपनी सीट तक गंवा दी. यहां तक कि बीजेपी के नरेंद्र खींचड़ के झुंझुनू से सांसद बनने पर मंडावा की सीट खाली हुई थी. वह सीट भी कांग्रेस ने हथिया ली.
जीत हार के अंतर में आरएलपी की भूमिका
खींसवार में कराए गए उपचुनाव कुल 73605 वोट पड़े थे और 4630 वोटों से आरएलपी के नारायण बेनीवाल ने जीत दर्ज की थी. बीते साल दिसंबर में चुरु की सरदार शहर सीट पर उपचुनाव कराए गए थे. कांग्रेस के अनिल शर्मा ने बीजेपी प्रत्याशी को 26852 वोटों के भारी अंतर से हराया था. अनिल शर्मा को कुल 91357 वोट मिले थे जबकि बीजेपी के अशोक पींचा को 64505 वोट मिले. इसी सीट पर तीसरे स्थान पर आरएलपी प्रत्याशी लालचंद मूंड रहे जिनको 46753 वोट मिले हैं. ऐसे में कह सकते हैं कि अगर यहां आरएलपी चुनाव नहीं लड़ती तो शायद नतीजा कुछ और होता.