Rajasthan News: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने स्टेट लेवल बैंकिंग कमेटी और विभिन्न बैंकों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने बैठक में अधिकारियों को उन परेशानियों से अवगत जो लोगों को हो रही हैं. उन्होंने बैंक अधिकारियों को उनकी कार्यशैली के लिए नसीहत भी दी. इस दौरान उन्होंने कहा " 8 जनवरी को आयोजित लोन महोत्सव के दौरान लोन जारी करने के कार्य में जो गति आई थी, वह कुछ धीमी पड़ी है. बैंक के अधिकारी उदारता और संवेदनशीलता के साथ पात्र व्यक्तियों को लोन जारी करें."


स्पीकर बिरला ने कहा कि कोटा लोन मेले के दौरान लोगों की बैंक अधिकारियों के प्रति धारणा बदली थी. लोग कहते थे कि बैंक अधिकारी अब खुद बुलाकर लोन दे रहे हैं, लेकिन लोन मेले के बाद पीएम-स्वनिधि और पशुपालन लोन सहित अन्य लोन योजनाओं में आवेदनों के निस्तारण की प्रगति अच्छी नहीं रही है. लोग अब लोन आवेदनों को लेकर शिकायत करने लगे हैं. यह उचित नहीं है.


लोन आवेदनों को लेकर कही ये बात
उन्होंने कहा "अनेक लोन आवेदनों को अनुचित बहाने बनाकर निरस्त किया जा रहा है. वरिष्ठजनों को उनकी उम्र का कारण बताकर लोन जारी नहीं किए जा रहे. कई मामलों को बैंक कार्यक्षेत्र के बाहर का आवेदन बताकर निरस्त किया गया है. इस तरह के सभी मामलों में लोन बहुत आसानी से जारी किए जा सकते थे. कुछ अधिकारी लोन जारी नहीं करने की प्रवृत्ति से काम कर रहे हैं जो ठीक नहीं है.  बैंक से छोटी सी राशि का लोन नहीं मिलने पर गरीब व्यक्ति महंगी ब्याजदार पर पैसे लेता है, जहां उसे शोषण का सामना करना पड़ता है. हमें उस गरीब व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनने और अपने पैरों पर खड़ा होने में सहायता करनी है."
 
बोले- बार-बार चक्कर नहीं कटवाएं  चक्कर
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि किसी भी आवेदक को लोन के लिए बार-बार चक्कर नहीं कटवाए जाएं. यदि कार्य की अधिकता है, तो सप्ताह में एक दिन तय करें. जिस दिन व्यक्ति अपने आवेदन के संबंध में अधिकारियों से मिल सके. यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बैंक आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ उचित व्यवहार हो. स्पीकर बिरला ने बैंक अधिकारियों से फसल बीमा को लेकर भी किसानों को जागरूक करने की बात कही. उन्होंने कहा कि फसल बीमा पूरी तरह स्वैच्छिक है, इसका एक बोर्ड सभी बैंक शाखाओं में प्रदर्शित किया जाए ताकि किसानों को यह जानकारी मिल सके.
 
बैठक के दौरान स्पीकर ओम बिरला ने निजी बैंकों द्वारा पीएम-स्वनिधि, पशुपालन लोन और अन्य योजनाओं के लोन पहले स्वीकृत नहीं करने  और स्वीकृत करने के बाद भी राशि जारी नहीं करने को लेकर गंभीर नाराजगी जताई. उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि ऐसे बैंकों के खिलाफ उच्च स्तर पर शिकायत करें. 


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