Rajasthan Politics: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा- राजनीतिक पक्षपात से विकास नहीं होता, इस काम में घपले का आरोप लगाया
Rajasthan News: ओम बिरला कोटा संभाग में हुए कार्यों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए.उन्होंने कहा कि शहर के अंदर सीवरेज की समस्या है, लेकिन जहां समस्या नहीं है, वहां समाधान का पैसा लगा दिया गया.
Kota News: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने कहा है कि कोटा शहर में नियोजित विकास नहीं हुआ, लोग मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं, लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा,सीवरेज की समस्या से लोग परेशान हो चुके हैं,इसमें करोडों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है. उन्होंने कहा कि कोटा में नियोजित विकास नहीं हुआ है.एक तरफ तो हजारों करोड़ के काम हो गए और दूसरे क्षेत्र वंचित रह गए. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ इलाकों में राजनीतिक रूप से पक्षपात किया जा रहा है.राजनीतिक पक्षपात कर विकास नहीं होता है.उन्होंने कहा कि डवलपमेंट के लिए विजन होना चाहिए.अपने विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने नाम लिए बिना यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा.
कांग्रेस सरकार पर योजना बदलने का आरोप
संवैधानिक पद पर होने के बाद भी बिरला ने राजनीतिक हमले किए. इससे कोटा संभाग की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है.उन्होंने कहा भारत सरकार 100 शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए योजना अमल में लाई थी.इनमें कोटा का चयन भी किया गया था.इस योजना के तहत शहर में पीने का पानी,सीवरेज,शहर से बाहर निकलने वाली सड़कें और बिजली के साथ रोजगार सृजन के साधन भी उपलब्ध कराने थे.चंबल के किनारे पीने के पानी के लिए 150 करोड़ की योजना बनाई गई थी.इस योजना को कांग्रेस सरकार ने आते ही बदल दिया.बिरला ने कहा मैं 2003 से कोटा का जनप्रतिनिधि हूं.उन्होंने कहा कि शहर में विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी यदि लोग सड़क,पेयजल,सीवरेज,आवागमन के संसाधनों के अभाव को दूर करने के लिए आग्रह करें,तो इस स्थिति को उचित नहीं कहा जा सकता.
सीवरेज डालने में हुआ करप्शन
बिरला ने कोटा संभाग में हुए कार्यों पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए.उन्होंने कहा कि शहर के अंदर सीवरेज की समस्या है,इसके समाधान के लिए योजना आई थी, लेकिन जहां समस्या नहीं है, वहां समाधान का पैसा लगा दिया गया.इन लाइनें को डालने में करप्शन हुआ है.इस कारण करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद सीवरेज का लाभ नहीं मिल रहा है.इसकी चिंता किसी ने भी नहीं की.इसकी जांच की जानी चाहिए थी और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी.उन्होंने शांति धारीवाल का नाम लिए बिना ही कहा कि सरकार उनकी है,समाधान नहीं करना चाहते.जहां बस्ती नहीं है वहां पहले ही रोड बना दिए जाते हैं,जहां लोगों को आवश्यकता है वहां सड़कें नहीं हैं.
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