Rajasthan Politics: दिवाली के बहाने मिले ओम बिरला और शांति धारीवाल, क्या राजस्थान में शुरू होगी कोई राजनीतिक उठापटक
Rajasthan News: राजस्थान की राजनीति में विपक्षियों को परास्त करने के लिए ये दोनों नेता हमेशा चर्चा में रहते हैं. धारीवाल जहां अपने कद्दावर कद के लिए जाने जाते हैं, वहीं बिरला अपने मैनेजमेंट के लिए.
कोटा: राजस्थान (Rajasthan) की राजनीति में अपने-अपने क्षेत्र में महारत हासिल करने वाले दो दिग्गज नेता दीपावली (Diwali2022) पर एक साथ दिखाई दिए. ये दिग्गज एक ही पार्टी के नहीं बल्कि दो अलग-अलग पार्टियों के थे. ये थे कोटा बूंदी से बीजेपी (BJP) सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) और कांग्रेस (Congress) नेता और प्रदेश के शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल (Shanit Dhariwal). ओम-शांति की चर्चा पहले भी कई बार हो चुकी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के मंच से कहा था कि कोटा में ओम-शांति की जोड़ी है. दीपावली पर भी ये दोनों दिग्गज नेता एक साथ नजर आए. ये कोई इत्तेफाक नहीं था, दीपावली के मौके पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा में दीपावली मनाई. उन्होंने अपने आवास पर शहरवासियों से मुलाकात कर दीपावली की शुभकामनाएं दीं. वो लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के पैतृक आवास कैथूनीपोल पहुंचे और उन्हें शुभकामनाएं दीं.
दिवाली की शुभकामनाओं का आदान-प्रदान
स्पीकर बिरला ने भी मंत्री शांति धारीवाल को शुभकामनाएं देकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली. इस दौरान यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बेटे अमित धारीवाल, सुपौत्र गर्वित धारीवाल भी उनके साथ मौजूद थे. वहीं स्पीकर बिरला के बड़े भाई राजेश बिरला, हरीकृष्ण बिरला सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को दीपावली शुभकामनाएं दीं और मुंह मीठा कराया. इस दौरान क्षेत्रवासी भी मंत्री धारीवाल से मिलने पहुंचे. उन्होंने सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दीं.
राजस्थान की राजनीति के दिग्गज
राजस्थान में आगामी विधानसभा के चुनाव को लेकर भी ये चर्चा राजनीतिक गलियारे में खास मानी जा रही है, अपने विपक्षियों को धराशाही करने के लिए ये दोनों नेता हमेशा चर्चा में रहते हैं, दोनों की ही कार्यशैली अन्य से अलग है. धारीवाल अपने कद्दावर कद के लिए जाने जाते हैं तो बिरला अपने मैनेजमेंट के लिए चर्चित हैं. इन दोनों नेताओं की मुलाकात इस बार इस मायने में भी खास है कि दोनों एक दूसरे के मददगार के रूप में शहर में चर्चा में रहते हैं, चाहे सरकार किसी की भी हो. इस बार दीपावली के बहाने दोनों का मिलन राजनीतिक उठापटक के रूप में देखा जा रहा है.
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