Lumpy Skin Disease: राजस्थान (Rajasthan) में लंपी वायरस (Lumpy Virus) का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में लंपी वायरस के मामले बढ़ने से ग्रामीणों में कई तरह की भ्रांतियां पैदा हो गई है. ग्रामीणों ने गोवंश को शहर की तरफ छोड़ दिया. हर रोज सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण गांव से गोवंश शहर की तरफ भेजे जा रहे हैं. यह गोवंश शहर और हाईवे किनारे पर आकर जमा हो गए हैं. जो अब हादसों का कारण बन रहे हैं. कई गोवंश की तो हालत इतनी खराब है कि वह जहां बैठे हैं वही अपना डेरा जमा चुके हैं. एक तरफ लंपी वायरस का कहर दूसरी तरफ लगातार हाईवे और शहरों में बढ़ती गोवंश की संख्या ने पशु चिकित्सालय महकमे के पसीने छुड़ा दिये.


लगातार गोवंशों का शहर की तरफ बढ़ने से इन गोवंश को गौशाला में एक साथ भेजना भी चुनौती भरा कार्य है. क्योंकि यह वह गोवंश हैं जो घायल और संक्रमण से पीड़ित हैं. अगर उन्हें गौशाला भेजा जाएगा तो गौशाला संचालकों को लंपी वायरस अन्य गोवंश में फैलने का खतरा मंडराने लगेगा. ऐसे में राजस्थान सरकार से गोवंश संचालकों ने इस बीमारी से निपटने के लिए पूरे प्रदेश भर में अलग से आइसोलेशन सेंटर बनाने की मांग की. ताकि संक्रमित गोवंश को उचित स्थान पर ले जाकर इलाज कराया जा सके जिससे सड़कों पर जमा गोवंश की सुध ली जा सके. 


इसलिए सड़कों पर जमा हो जाते हैं मवेशी


गौशाला से जुड़े गोपाल माहेश्वरी ने बताया कि बारिश में गोवंश सूखी जगह तलाशते हैं. मच्छर-मक्खियों से परेशान होकर ये गोवंश सूखी सड़कों और नेशनल हाईव की ओर रुख कर लेता है. गांव वाले खेतों में फसल को बचाने के लिए मवेशियों को हांक कर सड़कों पर छोड़ आते हैं लेकिन इस बार तो किसानों ने फसलों को बचाने के साथ-साथ लंपी वायरस के डर से भी गोवंश को निकालना शुरू कर दिया. बरसात में गांवों में कीचड़ फैल जाता है. जंगल में चरने के लिए जाएं तो मच्छर-मक्खियों के कारण गोवंश वहां टिक नहीं पाते.


मवेशियों को सड़क पर नहीं छोड़ने के लिए गांववालों को पाबंद कराने के लिए हाईवे टोल कंपनी ने कई बार ग्राम पंचायतों, पुलिस थानों को चिटि्ठयां लिखी. फिर भी इसका कोई समाधान नहीं निकला. इसका समाधान यही है कि इस सीजन में गांवों में मवेशियों के लिए अस्थाई शैल्टर बनें.


लंपी से 45 हजार गायों की मौत 


लम्पी बीमारी के कहर से ग्रामीण इलाकों में गायों की मौत से हाहाकर मचा हुआ है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार लम्पी संक्रमण से अब तक राजस्थान में 45 हजार गायों की मौत हो चुकी है और 10 लाख 36 हजार गौवंश फिलहाल इस बीमारी से संक्रमित हैं. 99 हजार गायों का इलाज चल रहा है. हालांकि अब तक 5 लाख 71 हजार गायों को इलाज के बाद ठीक भी किया जा चूका है. पश्चिमी राजस्थान में  इस संक्रमण का प्रकोप ज्यादा है. 


राजस्थान की सड़कों पर इन दिनों रहे सावधान


प्रदेश के अधिकांश जिलो की सड़कें मवेशियों के हवाले हो चुकी है. आसपास की सभी गोशालाएं गायों से फुल हो गई है. अब हालात यह हो गया है कि सैकड़ों मवेशी रोड पर खुले में भटकने को मजबूर हैं. मवेशी बीच रोड पर बैठे रहते हैं. ऐसे में वाहन चलाना तक जानलेवा हो रहा है. शहर की हर सड़क और चौराहे पर मवेशी दिख रहे हैं. कुछ मवेशी तो ऐसे हैं जो लोगों पर हमला तक करते हैं. इस वजह से रोजाना हादसे हो रहे हैं. राजस्थान में हर वर्ष बड़ी तादाद में सड़क पर गोवंश से टकराने के कारण कई लोगों की मौतें होती है.


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