उफान पर लूनी नदी, पानी के बीच फंसे 13 लोगों को देर रात निकाला गया, 9 घंटे चला रेस्क्यू
Rajasthan River Water Level Rises:पश्चिमी राजस्थान में लगातार तीन दिन बारिश के कारण लूनी नदी में पानी का बहाव तेज हो गया. करन्याली गांव के 13 लोग लूनी नदी में फंस गए थे, जिन्हें रात एक बजे निकाला गया.
Luni River Water Level Rise: पश्चिमी राजस्थान में लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के चलते चारों ओर पानी ही पानी हो गया है. नदियां भी उफान पर चल रही हैं. पाली का बांध ओवरफ्लो होने से बारिश का पानी जोधपुर की तरफ आ रहा है. बांडी नदी और लूनी नदी में पानी का भाव तेज हो गया है. इसी तेज बहाव के चलते मंगलवार को करन्याली गांव में फेकारियां सरहद पर खेत की ढाणी में बसे एक ही परिवार के करीब 13 लोग लूनी नदी के तेज बहाव के पानी के बीच फंस गए.
लोगों के फंसे होने की सूचना मिलते ही प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया. रेस्क्यू के लिए प्रशासन व स्थानीय गोताखोर दाऊलाल मालवीय और भारत मालवीय अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. प्रशासन के साथ मिलकर 9 घंटे चले रेस्क्यू के बाद 13 लोगों को बाहर निकाला गया.
देर रात एक बजे पूरा हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम ने ये रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया. बताया जा रहा है कि ये लोग सोमवार रात से फंसे हुए थे. उनके खेतों में सौर ऊर्जा होने से उनके फंसे होने की सूचना प्रशासन को मिल गई थी. मंगलवार शाम को 5:00 बजे पहले पुलिस और प्रशासन ने स्थानीय गोताखोर मौके पर पहुंचे.
फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू चलाया गया, लेकिन पानी का बहाव तेज होने के चलते रात को एसडीआरएफ की टीम की मदद ली गई. रात को करीब 1:00 बजे 13 लोगों को बाहर निकाला गया. सभी को बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
मवेशियों की सुरक्षा के लिए दो लोग रुके
रेस्क्यू टीम ने 9 घंटे की मशक्कत के बाद जिन 13 लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया, उनमें माडी देवी (60 वर्षीय) पत्नी बुद्धाराम, किरण (15 वर्षीय) पुत्री विशनाराम, विशनाराम (45) सत्तू देवी (35) पत्नी विशनाराम, सीता (32)पत्नी हुकमाराम, उसकी पुत्री टीना (13 वर्षीय) व पुत्र मनीष (18 वर्षीय) कमला देवी (40 वर्षीय) पत्नी देवाराम गणपत (24 वर्षीय) पुत्र ओमाराम उसका भाई अशोक (21 वर्षीय) मोड़ाराम (15 वर्षीय) पुत्र विशनाराम, देवाराम (45 वर्षीय) पुत्र तेजाराम, सहीराम (22 वर्षीय) पुत्र देवाराम व भाई प्रदीप (18 वर्षीय) और बाबुराम (12 वर्षीय) पुत्र विशनाराम शामिल हैं. इनमें से गणपत और विशनाराम अपने-अपने मवेशियों की सुरक्षा के लिए ऊंचाई वाले स्थान पर रुक गए.
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