Rajasthan: 'भगवान उन्हें बीमार कर देना... हाथ-पैर तोड़ देना', राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का Video Viral
Madan Dilawar Viral Video: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जो भी इस वीडियो को देख रहा है हैरान हो रहा है.
Madan Dilawar Viral Video: राजस्थान की भजन लाल सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर वैसे हमेशा ही अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. इस बार शिक्षा मंत्री का एक वीडियो सामने आया है. वीडियो में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर एक मंदिर में पहुंच कर भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं. वहीं अब उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
मंत्री मदन दिलावर से भगवान प्लास्टिक का उपयोग करने वाले, प्लास्टिक की गिलास में चाय पीने वाले, गंदगी फैलाने वालों के लिए भगवान से शिकायत करते नजर आ रहे हैं. वहीं इस वीडियो को देख व सुनकर हर कोई हैरान हो रहा है. आइए जानते हैं वायरल वीडियो में मां भगवती से क्या प्रार्थना की जा रही है. प्लास्टिक उपयोग करने वालों के लिए मां से क्या मांगा जा रहा है.
राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर वीडियो में कहते नजर आ रहे हैं, "जो लोग प्लास्टिक की थैली में सामान लाते हैं, जो लोग प्लास्टिक की गिलास में चाय पीते हैं, जो गंदगी फैलाते हैं. हे मां उनको बीमार कर देना, उनके घर में किसी न किसी का हाथ तोड़ देना, पैर तोड़ देना, उनमें से किसी का नुकसान हो जाए ऐसा कर देना, उनके घर कभी धन मत आने देना. हे मां आपसे यही प्रार्थना है, ताकि सभी लोग सुखी रहेंगे, कभी भी गंदगी नहीं रहेगी."
राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के मंदिर में प्लास्टिक उपयोग करने और प्लास्टिक के कप में चाय पीने व गंदगी फैलाने वालो के लिए मां भगवती से प्रार्थना करने वाले वीडियो के बारे में एबीपी न्यूज़ ने बात की तो उन्होंने बताया कि ये वायरल वीडियो काफी बरसो पुराना है. हालांकि यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
प्लास्टिक का उपयोग करना स्वस्थ्य के लिए हानिकारक है. यह तो आप लोगों को पता है. प्लास्टिक को केंद्र व राज्य सरकार बैन कर चुकी है. प्लास्टिक उपयोग करने वालो को लेकर समय समय पर कई बार सरकार के द्वारा अभियान चलाया जाता है. प्लास्टिक का उपयोग करने वाले दुकानदारों पर कार्रवाई भी की जाती है. हालांकि प्लास्टिक की थैलियां व प्लास्टिक के कप का बहुत बड़ा बाजार है. स्थानीय प्रशासन के द्वारा औपचारिकता पूरी की जाती है. इसी के चलते पूर्णतया प्लास्टिक बैन नहीं हो पा रहा है.
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