Magh month 2023: इस बार माघ स्नान पर शुभ योग बन रहा है. पंडित सुरेश श्रीमाली ने बताया कि, वर्ष 2023 के पहले माह जनवरी के पांच दिनों के अलावा शुक्रवार छः जनवरी से अगले माह रविवार पांच फरवरी तक सर्वाधिक श्रेष्ठ हैं. स्नान पर्वों में विशेष माघ स्नान सभी बाधाओं, कष्टों के निवारण और मोक्ष की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. सभी स्नान पर्वों का अंतिम प्रतीक, समस्त बाधाएं तथा कष्टों के निवारण, सद्गति के लिए विशेषज्ञ महत्वपूर्ण ‘माघ स्नान‘ शुक्रवार 6 जनवरी, पौष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन से प्रारंभ हो गए. इसी दिन शुक्र ने श्रवण नक्षत्र में प्रवेश किया. 


पंडित सुरेश श्रीमाली ने बताया कि, इस स्नान पर्व का समापन रविवार 5 फरवरी माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन 12.12 बजे तक पुष्य नक्षत्र के रहते प्रयाग में त्रिवेणी स्नान के अंतिम दिन होगा. पुष्य नक्षत्र होने के इस समय के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग भी है. इस पर्व में यज्ञ, तप और दान का विशेष महत्व है. इस दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु का पूजन, पितरों का श्राद्ध और भिखारियों को दान करने का विशेष फल है. निर्धनों को भोजन, वस्त्र, तिल, कम्बल, गुड़, कपास, घी, लड्डू, फल, अन्न, पादुका आदि का दान करना चाहिए. इस दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य की बाधाएं कट जाती हैं.


पंडित सुरेश श्रीमाली ने बताया कि धार्मिक द्रष्टि से विशेष इस पूरे माह-पौष शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से माघ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तक प्रयाग में कल्पवास कर त्रिवेणी स्नान का अत्यधिक महत्व है. इसके अलावा भी माघ मास के प्रतिदिन प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, तालाब, कुंआ, बावड़ी आदि के शुद्ध जल से स्नान कर भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए. पूरे माघ मास भगवान मधुसूदन की प्रसन्नता के लिए नित्य ब्राह्मण को भोजन कराना, दक्षिणा देना या मगद के लड्डू जिसके अंदर स्वर्ण या रजत छिपा दी जाती है, प्रतिदिन स्नान कर ब्राह्मणों को देना चाहिए. इस मास में काले तिलों से हवन तथा काले तिलों से ही पितरों का तर्पण करना चाहिए. मकर संक्रांति के समान ही तिल के दान का इस माह में विशेष महत्व माना जाता है.


शास्त्रों के अनुसार तथा धार्मिक विशेषता से माना जाता है कि माघ स्नान करने वाले पर भगवान माधव प्रसन्न रहते हैं और उसे सुख-सौभाग्य, धन-संतान तथा स्वर्गादि उत्तम लोकों में निवास तथा देव विमानों में विहार का अधिकतर देते हैं. यह माघ स्नान परम पुण्यशाली व्यक्ति को ही कृपा अनुग्रह से प्राप्त होता है. इस बार तो माघ पूर्णिमा रविवार 5 फरवरी को प्रातः स्नान के अंतिम दिन शुभ पुष्य नक्षत्र होने के साथ-साथ 12.12 तक सर्वार्थ सिद्धि योग भी है.


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