Mayra Ki Gufa: मेवाड़ के वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप जिनकी वीरता, त्याग और तपस्या को पूरा विश्व जानता है. मेवाड़ में महाराणा प्रताप से जुड़े कई इतिहास हैं, जैसे हल्दी घाटी, चावंड सहित अन्य लगभग सभी इनके बारे में जानते हैं और आसानी से पहुंच होने के कारण लोग जाते भी हैं. इनमें एक ऐसा स्थल है जो महाराणा प्रताप से जुड़ा है और बहुत खास इतिहास रखता है, वह है मायरा की गुफा जो महाराणा प्रताप का शस्त्रागार था. अब यहां भी पर्यटकों सहित शहरवासियों की पहुंच आसान हो जाएगा.
भूल भुलैया से कम नहीं महाराणा प्रताप की गुफा
मायरा की गुफा इसलिए महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि महाराणा प्रताप महलों को छोड़कर यहां आए थे और अपना विशाल शस्त्रागार बनाया था. यहीं से मुगलों से लड़ाई लड़ने की रणनीति बनाई थी. यह गुफा भूल भुलैया से कम नहीं है. बाहर से देखने पर यहां अंदर जाने का रास्ता नहीं दिखाई देता है. साथ ही जंगलों के बीच मे स्थित है और जमीन से नीचे हैं. यह उदयपुर शहर से 40 किलोमीटर दूर गोगुन्दा तहसील में स्थित है. यहां जाने के लिए रास्ता नहीं होने और व्यवस्था नहीं होने के कारण पर्यटक नहीं जाते हैं. स्थानीय कुछ लोग है जो देखने के लिए चले जाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.
यहां बन रही सड़क, गुफाओं का हो रहा जीर्णोद्धार
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट घोषणा में मायरा की गुफा के जीर्णोद्धार की घोषणा की थी. फिर इसके लिए सरकार ने 540.44 लाख का बजट जारी किया गया था. समस्या सबसे बड़ी यह थी कि गुफा तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नहीं था. पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने बताया कि अब यहां करीब 4.5 किलोमीटर का रास्ता बन गया है.
गुफा के पास तक अब पर्यटक वाहन लेकर जा पाएंगे. रास्ता पीडब्ल्यूडी बना रहा है. वही गुफा के मरम्मत का काम भी चल रहा है और प्लांटेशन वन विभाग लगा रहा है. पूरा काम होने पर पर्यटक भी बढ़ेंगे और इस ऐतिहासिक जगह को देख पाएंगे.