Maharana Pratap Jayanti 2022: रण में ‘महाराणा’ तो कांप उठता था दुश्मन, महाराणा प्रताप के बारे में यह बातें जानते हैं आप?
Maharana Pratap Jayanti 2022: वीर योद्धा महाराणा प्रताप जन्म जेष्ठ शुक्ल तृतीया के दिन हुआ था. जो इस साल 2 जून को पड़ रही है. इसलिए आज उनकी जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है.
Maharana Pratap Jayanti 2022: आज देश के राजस्थान (Rajasthan) राज्य में वीर योद्धा महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है. हालांकि महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई को वर्ष 1540 में हुआ था. लेकिन हिन्दू कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म जेष्ठ शुक्ल तृतीया के दिन हुआ था. जो इस साल 2 जून को पड़ रही है. यही वजह है कि आज यानि गुरुवार को महाराणा प्रताप की जयंती मनाई जा रही है. ऐसे में हम आपके लिए उनकी कुछ अनसुने किस्सें लेकर आए जो आपने पहले कभी नहीं सुने होंगे......
इसलिए महाराणा प्रताप बने "मेवाड़ी राणा"
महाराणा प्रताप राजस्थान के एक प्रांत मेवाड़ के शासक थे. उनके पिता उदयपुर के संस्थापक उदय सिंह द्वितीय और माता महारानी जयवंता बाई थी. महाराणा अपनी वीरता के साथ-साथ उत्कृष्ट युद्ध रणनीतिकार के रूप में भी जाने जाते थे. उन्होंने कई बार मुगलों से मेवाड़ की रक्षा की है. इसलिए उन्हें "मेवाड़ी राणा" के रूप में नामित किया गया था. बता दें कि महाराणा प्रताप भारत सबसे वीर योद्धा माने जाते हैं. वो 7 फीट 5 इंच की ऊंचाई पर खड़े होकर 80 किलोग्राम का भाला फेंकने की क्षमता रखते थे. इतना ही नहीं वो करीब 208 किलोग्राम वजन की दो तलवारें एक साथ चला सकते थे.
उदयपुर के पास बसाया था प्रताप ने अपना नगर
इन सभी के अलावा महाराणा 72 किलो का सुरक्षा कवच पहनते थे. इतिहासकारों की मानें तो जब राणा ने 1576 में हल्दीघाटी लड़ाई लड़ी थी तब उन्होंने 81 किलो का का भाला और 72 किलो का कवच पहना हुआ था. बहुत कम लोग जानते हैं कि महाराणा प्रताप ने उदयपुर शहर से 60 किलोमीटर की दूरा पर स्थित चावंड शहर में अपनी राजधानी का पुनर्निर्माण किया था. जहां उन्होंने अपना बाकी का जीवन बिताया था.
दुर्घटना में घायल होने पर हुई मृत्यु
बता दें कि महाराणा ने मुगलों के खिलाफ स्वतंत्रता के लिए लड़ी थी. इसी वजह से उन्हें भारत के पहले मूल स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी माना जाता है. बताया जाता है कि 19 जनवरी 1597 को जब महाराणा सिर्फ 56 साल के थे तब वो चावंड में हुई एक दुर्घटना में घायल हो गए थे. जिसके बाद उनकी मृत्यु हो गई. वहीं बात करें महाराणा प्रताप की शादी की तो उन्होंने बिजोलिया की अजबदे पंवार से शादी की थी. इसके अलावा महाराणा प्रताप की शादी 10 अन्य महिलाओं से भी हुई थी. जिनसे अमर सिंह सहित उनके 17 बच्चे थे.