Maharana Pratap Jayanti: मेवाड़ आए महाराणा प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह, देश की युवा पीढ़ी को दिया ये संदेश
वीर महाराणा प्रताप, जिनकी वीरता के बारे में पूरा देश जानता है. आज उनकी 483वीं जयंती है. कई कार्यक्रम होंगे. इस मौके पर प्रताप के वंशज डॉ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने युवाओं को संदेश दिया
Maharana Pratap Jayanti: वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की आज 483वीं जयंती है. महाराणा प्रताप जिनकी गाथाएं सुनने मात्र से रौंगटे खड़े हो जाते हैं. इस मौके पर आज मेवाड़ के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रम होंगे. आज ही क्यों, यह कार्यक्रम तो पिछले15 दिन से कर रहे हैं. ऐसे में शहर की मोती मगरी पर महाराणा प्रताप के वंशज पूर्व राजघराने के सदस्य डॉ लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ ने महाराणा प्रताप की विशेष पूजा की.
वहीं सुबह विभिन्न संगठनों ने सुबह रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों का हल्दी घाटी की मिट्टी से तिलक निकाल स्वागत किया. जानिए क्या कहा महाराणा प्रताप के वंशज ने और क्या-क्या कार्यक्रम होंगे.
यह कार्यक्रम होंगे आज
महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर कार्यक्रम की शुरुआत सुबह से हो गई. इसमें सुबह प्रताप की प्रतिमा पर सभी समाजों व संगठनों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई. वहीं इसके बाद इसके बाद शहर के चेटक सर्किल चौराहे से शोभायात्रा निकाली जाएगी. शोभायात्रा के बाद सुबह 11 बजे नगर निगम के सुखाड़िया रंगमंच पर सभा होगी जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे.
इधर शिव दल की तरफ से 15 दिन के चल रहे आयोजन में रविवार शाम को शहर में तिरंगा यात्रा निकाली गई. आज धराएंगे महाराणा प्रताप स्मारक समिति मोती मगरी से 483 किलो लड्डू का भोग धराएंगे.
यह माह प्रताप के वंशज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ में
महाराणा प्रताप स्मारक समिति मोती मगरी पर प्रतापी प्रताप की प्रतिमा की विशेष पूजा-अर्चना की. समिति अध्यक्ष डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने वेद-शास्त्र मर्मज्ञ पंडितों के दल के साथ वेद मंत्रों से महाराणा प्रताप की अश्वारूढ़ (चेतकारूड़) प्रतिमा का विधिवत पूजन कर हवन कर पूर्णाहुति दी. पर डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि महाराणा प्रताप जन-जन के आदर्श हैं. महाराणा प्रताप का ओजस्वी जीवन आदर्श जीवन मूल्यों और नैतिक कर्तव्यों की जीवंत पाठशाला रहा है और आगे भी युगों-युगों तक रहेगा.
भारत युवाओं का देश है. हमारी युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप के आदर्श जीवन मूल्यों और नैतिक कर्तव्यों को आत्मसात करना होगा, क्योंकि प्रतापी प्रताप के आदर्श जीवन मूल्य और नैतिक कर्तव्य ही आदर्श युवा का निर्माण करते हैं. जब आदर्श युवा मातृभूमि का नेतृत्व करते हैं तो निश्चिततौर पर उस धरा, उस देश के निवासियों को थाथी प्राप्त होती है और उस धरा के गणमान्य नागरिक खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं.
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