Mahashivratri 2023: देश दुनिया में आपने कई मंदिरों की विशेषताएं देखी होंगी, देवी देवताओं का अद्भुत व स्वर्णिम इतिहास रहा होगा. चमत्कार की बातें भी सुनी होंगी. लेकिन कोटा में एक मंदिर ऐसा है जो साल में केवल एक ही बार शिवरात्रि को खुलता है. कोटा के विज्ञान नगर में स्थित इस मंदिर की विचित्र कहानी है. अमलेश्वर महादेव के नाम से पहचान बनाने वाला ये मंदिर दो दशक से बंद था, जिसे काफी प्रयासों के बाद खुलवाया जा सका. खास बात ये है कि विज्ञान नगर थाने के पुलिसकर्मी ही इसकी साफ सफाई करवाते हैं और एक दिन मंदिर खोलने के बाद दूसरे दिन वापस ताला लगा देते हैं.
भारी पुलिस जलवाजमें के बीच होती है पूजा अर्चना
बजरंगदल के योगेश रेनवाल ने बताया कि विज्ञान नगर थाना इलाके की अमन कॉलोनी में स्थित अमलेश्वर महादेव मंदिर का है. जिसमें बीते 7 सालों से केवल महाशिवरात्रि के दिन ही पूजा अर्चना की जाती है. इस एरिया में तनाव नहीं बढ़े इसको लेकर भारी पुलिस सुरक्षा भी रखी जाती है. इस बार भी अमलेश्वर महादेव समिति की तरफ से आयोजन किया जा रहा है और इसकी तैयारियां जोर शोर से की गई है.
100 साल पुराना मंदिर चूने वालों ने बनवाया
अमलेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण यहां रहने वाले चूने की भट्टियों पर काम करने वालों ने करीब 100 वर्ष पूर्व बनवाया था. 100 साल पहले यहां ऐसा घना जंगल था कि लोग जाने से डरते थे. धीरे-धीरे यहां भट्टियां खत्म होती चली गई और यहां रहने वाले भी चले गए और मंदिर बंद हो गया और दूसरे लोग यहां आकर बस गए. इसके बाद इस मंदिर की पूजा अर्चना बंद हो गई.
7 सालों से होने लगी पूजा अर्चना
इस मंदिर को सालों पहले बंद कर दिया गया था, यह मंदिर जाति विशेष क्षेत्र में होने से यहां तनाव के हालात हो जाते हैं, ऐसे में पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत और हिंदू संगठनों ने इसे खुलवा दिया, लेकिन भारी पुलिस लवाजमा यहां लगाना पडा ताकी कोई तनाव नहीं हो, सात साल पहले खुला मंदिर अब हर महाशिवरात्रि को पुलिस पहरे में खुलता है, पुलिस पहरे में पूजा अर्चना होती है, शोभायात्रा निकाली जाती है और उसके बाद वापस इसे बंद कर दिया जाता है.
40 साल तक नहीं हुई मंदिर में पूजा अर्चना
40 वर्षों तक यह मंदिर बंद रहा पिछले 7 वर्षों से इस मंदिर पर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल सहित समस्त हिन्दू समाज के प्रयासों से निरंतर पूजा अर्चना की जा रही है. वर्षभर में केवल एक ही बार महाशिवरात्रि पर्व के दिन ही शिव जी के मंदिर पर जलाभिषेक होता है और शिव जी के मंदिर का ताला खुलता है.
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