(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Mahashivratri 2023: वीएचपी को हाईकोर्ट से मिली हरी झंडी, शिवरात्रि पर जोधपुर में इस तरह निकलेगी महादेव की बारात
Mahashivratri 2023 Puja: विश्व हिंदू परिषद ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर शुक्रवार को न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी की कोर्ट में सुनवाई के बाद शिव बारात निकालने की परमिशन दे दी.
Mahashivratri 2023 Date: देशभर में महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के पर्व की तैयारियां धूमधाम से की जा रही है. इस दिन बाबा भोलेनाथ (Baba Bholenath) की शिव बारात (Shiv Baraat) निकली जाती हैं. जोधपुर शहर में महाशिवरात्रि के पर्व पर शिव बारात निकालने की परमिशन पुलिस व प्रशासन की ओर से नहीं मिलने के बाद है विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिस पर शुक्रवार को न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी (Justice Pushpenra Singh Bhati) की कोर्ट में सुनवाई के बाद शिव बारात निकालने की परमिशन दे दी गई.
अनुमति नहीं मिलने से वीएचपी थी खफा
विश्व हिंदू परिषद की ओर से अधिवक्ता विपुल सिंह ने याचिका दायर की थी. इस याचिका में उन्होंने दलील दी थी कि विश्व हिंदू परिषद महाशिवरात्रि पर शहर में सरदारपुरा के सत्संग भवन तक विराट शिव बारात निकालता है. सुनवाई के दौरान विपुल सिंघवी ने न्यायालय को बताया कि विश्व हिंदू परिषद की ओर से शिव बारात शोभायात्रा निकालने के लिए प्रशासन से अनुमति के लिए 6 फरवरी को आवेदन पेश किया था, जिस पर प्रशासन दुर्भावनापूर्ण 10 दिन तक कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया. इसके बाद 15 फरवरी को मौखिक रूप से शिव बारात निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया.
वीएचपी के वकील ने दी ये दलील
विश्व हिंदू परिषद के अधिवक्ता विपुल सिंघवी व मोती सिंह राजपुरोहित महाशिवरात्रि के दिन जोधपुर शहर में शिव बारात निकालने की परमिशन की मांग को लेकर पैरवी की थी. विश्व हिंदू परिषद के अधिवक्ता विपुल सिंघवी ने न्यायालय में बताया कि भगवान महादेव के विवाहोत्सव के दिन महाशिवरात्रि पर शिव बारात का आयोजन विश्व हिंदू परिषद की ओर से पिछले कई वर्षों से हर्षोल्लास से किया जा रहा है. लेकिन, प्रशासन जानबूझकर अनुमति देने से इंकार कर रहा है. विश्व हिंदू परिषद की याचिका पर पैरवी करते हुए अधिवक्ता विपुल सिंह ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(B) के तहत विश्व हिंदू परिषद को बारात निकालने का मौलिक अधिकार है, जिसे पुलिस द्वारा छीना जा रहा है. वहीं, सुनवाई के दौरान राजस्थान हाईकोर्ट में सरकारी अधिवक्ता करण सिंह राजपुरोहित ने सरकार का पक्ष रखते हुए परमिशन देने पर विरोध दर्ज कराया.
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