Mahashivratri 2024 In Kota: कोटा (Kota) शहर में भगवान शिव के कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनकी अपनी विशेषताएं हैं. भगवान शिव की अपनी महिमा है. इन मंदिरों में ही एक मंदिर चंबल की गहराईयों में जमीन के सैकड़ों फीट नीचे है. यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. यहां पर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन एक साथ होते हैं. यह 12 ज्योतिर्लिंग पूरे देश भर के अलग-अलग स्थानों में विराजमान हैं. हालांकि कोटा में इन सभी एक ही जगह पर होते हैं और ऐसी मान्यता है कि इसके दर्शन से सैकड़ों गुना पुण्य प्राप्त होता है.
दरअसल, कोटा के कोचिंग एरिया में राधा कृष्ण मंदिर में इन ज्योतिलिंर्गों को विराजमान किया गया है. साल 1998 में ओंकारेश्वर की नदी से इन्हें निकाला गया था और इन्हें कोटा लाकर स्थापित किया गया. मंदिर के प्रवक्ता रवि अग्रवाल ने बताया कि कोटा संभाग या राजस्थान में कहीं भी ऐसा दृश्य देखने को नहीं मिलता, जहां पर 12 ज्योतिर्लिंगों एक साथ दिखाई देते हों.
12 ज्योतिर्लिंगों के एक साथ होते हैं दर्शन
रवि अग्रवाल ने बताया कि विश्वेश्वर महादेव, नागेश्वर, वेदनाथ- झारखंड, मल्लिकार्जुन- आंध्र प्रदेश, त्रयंबकेश्वर- नासिक, महाकालेश्वर- उज्जैन, सोमनाथ- गुजरात, केदारनाथ-उत्तराखंड, भीमाशंकर- महाराष्ट्र, ओंकारेश्वर- मध्य प्रदेश, गुश्वेश्वर- महाराष्ट्र, रामेश्वरम- कन्याकुमारी के दर्शन कोटा में ही हो जाते हैं. जिस क्षेत्र में यह मंदिर है, वहां कोचिंग स्टूडेंट बड़ी संख्या में हैं और वहां हॉस्टल की संख्या भी काफी अधिक है. मान्यता है कि यहां मांगी प्रार्थना पूरी हो जाती है. उन्होंने कहा कि यहां पर विराजमान प्रत्येक शिवलिंग का अपना महत्व है.
महाशिवरात्रि पर लगता है भक्तों का तांता
रवि अग्रवाल ने बताया कि, 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रत्येक ज्योतिर्लिंग के शिवलिंग पर एक अलग ही आकृति बनी हुई है. कहीं माला बनी हुई है, तो कहीं नाग. इसी तरह कहीं पुष्प और कहीं माला बनी हुई है. मुख्य शिवलिंग पर तिलक की आकृति अपने आप ही नजर आती है. इन आकृतियों के कारण ही यहां भक्त दर्शन करने आते हैं और इन्हें देख आश्चर्य व्यक्त करते हैं. यहां महाशिवरात्रि पर भक्तों का तांता लगा रहता है. सुबह चार बजे से दो दिनों तक यहां पर भगवान शिव के भजन कीर्तन होते हैं. चार प्रहर की आरती और विशेष श्रंगार होता है.
रवि अग्रवाल ने बताया कि यहां पर दूरदराज से लोग दर्शन के लिए आते हैं. दिन भर में हजारों की संख्या में लोग भगवान शिव के दर्शन कर प्रार्थना करते हैं. कोचिंग स्टूडेंट भी यहां पर भगवान शिव के दर्शन और व्रत उपवास कर अपने जीवन की सफल की प्रार्थना करते हैं और जिस परीक्षा की तैयारी करते हैं उसमें सफल होने की कामना करते हैं. कहा जाता है कि यहां पर सच्चे मन से की गई प्रार्थना स्वीकार होती है.
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