Makar Sankranti 2023: मकर संक्राति पर इस बार बन रहा ये खास संयोग, इन बातों का रखें ध्यान, मिलेगा लाभ
Makar Sankranti: इसबार मकर संक्राति 15 जनवरी को है, क्योंकि सूर्यदेव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी रात 8 बजकर 43 मिनट पर होगा. रविवार को मकर संक्रांति पड़ना शुभ माना जाता है.
Makar Sankranti 2023: भारतीय ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2023) के दिन सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर हुआ परिवर्तन माना जाता है, क्योंकि मकर संक्रान्ति के बाद सूर्य बढ़ने लगता है, दिन बड़े होने लगते हैं और रातें छोटी होने लगती हैं. मकर संक्रांति यानि प्रकाश की अंधकार पर विजय.
मानव का जीवन भी प्रकाश और अंधकार से घिरा हुआ है. उसके जीवन का वस्त्र काले और सफेद तन्तुओं से घिरा हुआ है. मानव जीवन ने व्याप्त अज्ञान, संदेह, अंधश्रद्धा को सम्यक श्रद्धा से, जड़ता को चेतना से और कुसंस्कारों को संस्कार सर्जन द्वारा दूर हटाया है. यही उसके जीवन की सच्ची संक्रांति कहलायेगी. यह बातें पंडित सुरेश श्रीमाली ने बतायीं.
इसबार 15 जनवरी को
यूं तो हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष यानि 2023 में मकर संक्रांति की तारीख को लेकर कंफ्यूजन है. कुछ लोगों का मत है कि मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी और कुछ लोग मकर संक्रांति 15 जनवरी को बता रहे हैं. इस बार मकर संक्राति 15 जनवरी को है, क्योंकि सूर्यदेव का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की रात 8 बजकर 43 मिनट पर होगा इसलिए उदयातिथि के अनुसार अगले दिन 15 जनवरी 2023 को मकर संक्राति मनाई जाएगी.
बन रहा खास संयोग
इसी दिन मकर संक्रांति का पुण्य काल रहेगा, जिसमें सूर्योदय से लेकर पूरे दिन दान पुण्य आदि किए जा सकेंगे. इस दिन सूर्य, शनि और शुक्र मकर राशि में रहेंगे, जिससे त्रिग्रही योग बन रहा है साथ ही चित्रा नक्षत्र, शश योग सुकर्मा योग, वाशी योग, सुनफा योग और बालव करण योग बनेगा. यह योग कई जातकों की किस्मत चमका देगा. इन योगों में शुभ कार्य, दान, पुण्य, तीर्थ यात्रा, भागवत महापुराण करना किस्मत के बंद दरवाजे खोल देता है.
रविवार के दिन सूर्य की संक्रांति विशेष लाभकारी
वहीं तुला राशि के चंद्रमा में मकर संक्रांति का पुण्य काल होगा, जो कि बेहद शुभ माना जाता है. इसके अलावा रविवार के दिन मकर संक्रांति का पड़ना बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि मकर संक्रांति पर्व सूर्य से जुड़ा हुआ है और रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है. अग्नि पुराण के मान्यता के अनुसार देखें तो सूर्य का पूजन रविवार के दिन शिवलिंग के साथ संयुक्त रूप से पूजित करने को संतान के बौद्धिक अनुकूलता के लिए श्रेष्ठ बताया गया है. यही कारण है कि इस दिन सूर्य का पूजन और भगवान शिव का अभिषेक विशेष रूप से करना चाहिए.
सूर्य का उत्तरायण प्रवेश अत्यन्त शुभ माना गया है, क्योंकि इस दिन से पूरे मलमास से रूके हुए विवाह, गृह प्रवेष, यज्ञोपवित संस्कार जैसे मांगलिक व शुभ कार्य पुनः शुरू हो जाते है. साथ ही इस दिन दान का विशेष विधान है. क्या आपने कभी सोचा है कि मकर संक्राति पर दान की इतनी महिमा क्यों है? और क्यों लाखों लोग इस पर्व पर दान करते है? इसकी महिमा को जानने के लिए यक्ष ने धर्मराज युधिष्ठर से प्रश्न किया कि मृत्यु के समय सब यहीं छूट जाता है, सगे-संबंधी, मित्र कोई साथ नहीं दें पाते तब उसका साथी कौन होता है? इस पर युधिष्ठर ने कहा-मृत्यु प्राप्त करने वाले का मित्र दान हैं, वही उसका साथ दे पाता है.
यक्ष का अगला प्रश्न था श्रेष्ठ दान क्या हैं? युधिष्ठर बोले-जो श्रेष्ठ मित्र की भूमिका निभा सकें. फिर प्रश्न था-दान किसे दिया जाए? उत्तर था-दान सुपात्र को या सही व्यक्ति को दिया जाए जो प्राप्त दान को श्रेष्ठ कार्य में लगा सकें, उसी को दिया गया दान श्रेष्ठ होता है. वही पुण्य फल देने में समर्थ होता है.
दान का विशेष महत्व
इसी प्रकार अथर्ववेद में कहा गया है कि-सैकड़ों हाथों से कमाओं और हजारों हाथों से बांट दो. दान कई प्रकार का हो सकता है-अर्थ दान, विद्या दान, श्रम दान, ज्ञान दान, अंग दान, रक्त दान आदि, इनमें से हर एक की अपनी महत्ता है. मकर संक्रांति के दिन सुबह स्नान करके सूर्य देव को अर्घ्य जरूर दें. इसके बाद काले तिल, गुड़ की चीजों का दान शनिदेव और सूर्यदेव का आर्शीवाद दिलाता है. काली उड़द की खिचड़ी का सेवन और दान करने से शनि दोष दूर होते हैं.
नमक का दान आने वाले संकटों से बचाएगा. घी का दान भाग्य में वृद्धि और सफलता दिलाता है. रेवड़ी बांटना रिश्तों में मिठास घोलता है. गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने के अलावा बेजुबान पशु-पक्षियों को भोजन देना भी मकर संक्रांति के दिन किए गए दान के पुण्य को बढ़ाता है. इसलिए आज पक्षियों को दाना डालें और गाय को हरी घास खिलाएं. गरीबों को कपड़ों, खास करके ऊनी कपड़ों का दान आपको बहुत पुण्य देगा.
ये दान जरूर करें
मकर संक्रांति पर तिल एवं गुड़ से बने लड्डु आदि व्यंजनों के भी दान का विशेष महत्व है. इस दान के पीछे यह कारण है कि तिल शनि की एवं गुड़ सूर्य की कारक वस्तुएं है. तिल, तेल की भी जननी है. सूर्य जब उत्तरायण में अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं तो शत्रुता के कारण दुःखी हो जाते हैं. अतः सूर्य तथा शनि दोनों को प्रसन्न रखने के लिए इस दिन लोग तिल, गुड़ से निर्मित व्यंजनों का उपयोग करते हैं. इस दिन प्रातः सूर्योदय से पूर्व तिल का तेल तथा उबटन लगाकर स्नान करते हैं, तिल के तेल मिश्रित पानी से स्नान करना, तिल से होम करना, तिल डालकर जल पीना, तिल से बने पदार्थ खाना, तिल का दान देना-ये छः कर्म इस दिन करने का हमारे शास्त्रों में विधान है.
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