Rajasthan News: मकर संक्रांति आने वाली है. यूं तो इसके कई महत्व है. लेकिन, इस दिन पतंगबाजी महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. यही नहीं कई शहरों, गांव और कस्बों में लोग घरों की छतों पर इकट्ठे होकर भी बड़ी संख्या में पतंगबाजी का आनंद लेते हैं. लेकिन अब पतंगबाजी को लेकर एक अनोखी खबर सामने आई है, जिसमें पतंगबाजी पर धारा 144 लागू हो गई है.
आपने अब तक तो कानून व्यवस्था या कोरोना संक्रमण को लेकर ही धारा 144 लागू होते देखी होगी और सुनी होंगी, लेकिन अब पतंगबाजी पर धारा 144 लगा दी गई है. बाकायदा इसके लिए कलेक्टर ने आदेश जारी किया है. इसके साथ ही इस आदेश में आदेश का कारण भी बताया गया है.
राजस्थान में यहां लगी धारा 144
उदयपुर संभाग के बांसवाड़ा जिले में जिला कलेक्टर प्रकाश चंद्र शर्मा ने पतंगबाजी को लेकर आदेश जारी किया है. इस आदेश में उन्होंने कारण भी बताया है. उन्होंने तर्क दिया है कि मकर संक्रांति से पहले कई कस्बों से ऐसी घटनाएं सुनने को मिलती है कि पतंगबाजी की वजह से किसी पक्षी की मौत हो गई तो कहीं इंसान भी इसकी चपेट में आ जाते हैं.
बाइक चलाते हुए अचानक धागा सामने आ जाता है, जिससे कइयों की गर्दन तक कट जाती है. इन्हीं घटनाओं को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर प्रकाश चंद्र शर्मा ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत पतंगबाजी पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं.
इस समय नहीं उड़ा पाएंगे पतंग
अपने आदेश में कलेक्टर ने कहा है कि मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के दौरान लोक स्वास्थ्य और विद्युत संचालन बनाए रखने एवं पक्षियों के लिए बड़े पैमाने पर खतरा बन चुके धातु निर्मित मांझा और पतंग उड़ाने के लिए पक्का धागा, नायलोन, प्लास्टिक मांझा, चाईनीज मांझा सिंथेटिक /टोक्सीक मटेरियल तथा आयरन पाउडर, ग्लास पाउडर ने बने मांझे की थोक एवं खुदरा बिक्री और इउसके उपयोग पर रोक रहेगी.
आदेश में कहा गया है कि पूरे जिले में ये प्रतिबंधित रहेंगे. पक्षियों की विचरण गतिविधियां सुबह 6 से 8 बजे एवं शाम 5 से 7 बजे के मध्य होने से इस समय पतंग उड़ाना प्रतिबंधित रहेगा. यह आदेश 10 जनवरी से लागू होकर 15 जनवरी की मध्यरात्रि तक प्रभावी रहेगा.
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