Makar Sankranti 2024: कोटा (Kota) में मकर सक्रांति के कुछ दिन पहले और बाद में पतंगबाजी परवान पर रहती है. ऐसे में यहां सुबह और शाम आसमान में उड़ने वाले पक्षी उड़ते हुए मांझे का शिकार हो जाते हैं. ऐसे में कोटा की ह्यूमन हेल्पलाइन संस्था चाइनीज मांझे से घायल पक्षियों का रेस्क्यू कर कोटा स्थित जन्तुआलय या मोखापाड़ा में अनुभवी वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा उनका इलाज कराती है. फिर स्वस्थ होने बाद उन्हें खुले आसमान में उड़ा दिया जाता है. इस बार भी मकर संक्रांति को देखते हुए पहले ही ह्यूमन हेल्पलाइन एक्टिव हो गई है.


ह्यूमन हेल्पलाइन के अध्यक्ष मनोज जैन आदिनाथ के अनुसार 14 से 16 जनवरी तक तीन दिवसीय विशेष शिविर में चार टीम बनाई गई है, जिसमें दो दर्जन सेवा साथी अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं.  उन्होंने बताया कि छह पक्षी एंबुलेंस भी इसके लिए तैनात की गई है. ये पक्षी एंबुलेंस मकर संक्रांति के चलते पांच दिन से कार्यरत है.  शहर के अलग-अलग इलाकों में इनकी तैनाती की गई है. वहीं, हेल्पलाइन नंबर के जरिए इन एंबुलेंसों को जैसे ही पक्षी के घायल होने की सूचना मिलेगी, ये मौके पर जाकर पक्षियों का रेस्क्यू करेंगी.  


कोटा में बनाई गईं 6 फक्षी एंबुलेंस
मनोज जैन आदिनाथ ने बाताया कि इसके बाद उन्हें उपचार के लिए रेस्क्यू सेंटर पर ले जाया जाएगा. पक्षी के गंभीर रूप से घायल होने पर उसे मौखापाड़ा स्थित बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय या जंतुआलय ले जाकर उनका इलाज किया जाएगा. इन एम्बुलेंसों में इलाज की पूरी व्यवस्था की गई है. जैन ने बताया कि छह पक्षी एम्बुलेंसों के साथ इस बार 200 पक्षियों को रखने के लिए पिंजरे की व्यवस्था भी की गई है. चार बाइकों और दो वैन्स में एंबुलेंस बनाई गई है. 


अब तक 41 फक्षी हुए हैं घायल
उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति और उसके बाद के दिनों में बाज, सारस, बतख, चिड़िया, कबूतर, तोता, बगुला, चील सहित जो भी अन्य पक्षी भी घायल होंगे, उन्हें रेस्क्यू कर प्लास्टिक की बास्केट में पूरी सेफ्टी से लाया जाएगा और उनका इलाज किया जाएगा. वहीं उन्होंने ये भी बताया कि अब तक चाइनीज मांझे से 41 पक्षी घायल हुए हैं और अब तक 28 को ठीक कर खुले आसमान में आजाद कर दिया गया है. 12 पक्षी अभी अस्पताल में भर्ती हैं.


उन्होंने बताया कि इस बार जितने भी पक्षी चाइनीज मांझे की चपेट में आए हैं उनमें अधिकांश कबूतर हैं, जबकी एक कबूतर की मौत हो गई. वहीं घायलों में बटेर, बगुला और चिड़िया भी शामिल हैं.


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