Rajasthan News: राजस्थान सरकार के कानून मंत्री जोगाराम पटेल के बेटे मनीष पटेल को एडिशनल एडवोकेट जनरल बनाए जाने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. मनीष पटेल को राजस्थान सरकार का अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाए जाने पर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगा रही है.
वहीं, दूसरी तरफ़ राजस्थान सरकार में कानून मंत्री जोगाराम इसे गैरजरूरी का विवाद बता रहे हैं. वो इस मामले को अनावश्यक बताकर दलील दे रहे हैं कि उनके बेटे मनीष पटेल का एडिशनल एडवोकेट जनरल पद पर चयन उसकी योग्यता और पूरी पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हुआ है.
राजस्थान सरकार के विधि विभाग की ओर से मनीष पटेल को एडिशनल एडवोकेट जनरल बनाए जाने के आदेश ने प्रदेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है. इस आदेश में जिस मनीष पटेल का ज़िक्र किया गया है, वो राजस्थान के क़ानून मंत्री जोगाराम पटेल के वकील बेटे है. मनीष पटेल राजस्थान हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर में सालों से वकालत कर रहे हैं. अब सरकार ने उन्हें एएजी यानि अतिरिक्त महाधिवक्ता बनाया है.
कांग्रेस ने लगाया परिवारवाद का आरोप
राजस्थान सरकार में कानून मंत्री के बेटे मनीष पटेल को एडिशनल एडवोकेट जनरल बनाए जाने के बाद कांग्रेस ने इस मुद्दे को लपक लिया है. कांग्रेस नेता हरीश मीणा ने प्रदेश की भजनलाल शर्मा की सरकार पर परिवारवादी होने का आरोप लगाया है. मनीष पटेल वैसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय भी कई विभागों के सरकारी वकील रह चुके हैं.
राजस्थान के मंत्री जोगाराम ने क्या कहा?
राजस्थान की भजनलाल शर्मा की सरकार में कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कांग्रेस के इन आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा है कि बिना मतलब का विवाद खड़ा किया जा रहा है. राजस्थान के मंत्री जोगाराम का तर्क है कि एडिशनल एडवोकेट जनरल (एएजी) चयन प्रक्रिया में उनका कोई दखल नहीं होता और उनका बेटा अपनी काबिलियत के दम पर नियुक्त हुआ है.