Manmohan Singh Death: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने गुरुवार (26 दिसंबर) की रात दुनिया को अलविदा कह दिया. 92 साल की उम्र में मनमोहन सिंह के देहांत हो गया. देश की राजनीति और कांग्रेस का दिग्गज चेहरा रहे मनमोहन सिंग का राजस्थान की राजनीति से बड़ा गहरा लगाव रहा है. राजस्थान में अगस्त 2019 में राज्यसभा की एक सीट के लिए उपचुनाव हुआ था, जिसमें कांग्रेस ने डॉ. मनमोहन सिंह को उम्मीदवार बनाया था और बीजेपी ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा.


उस समय कांग्रेस की अशोक गहलोत की सरकार थी. कांग्रेस के पास 100 से ज्यादा विधायक थे. ऐसे में मनमोहन सिंह की जीत हुई थी. रोचक बात यह रही कि यह सीट बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व बीजेपी अध्यक्ष मदनलाल सैनी के निधन से खाली हुई थी. बीजेपी ने संख्या बल के अनुसार कांग्रेस और मनमोहन सिंह के खिलाफ कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था. 


राजनीति की आखिरी पारी राजस्थान से
साल 2019 के उपचुनाव में जीतने के बाद जब कार्यालय खत्म हुआ, तब कांग्रेस ने मनमोहन सिंह को यहां से रिपीट नहीं किया. मनमोहन सिंह ने अपनी राजनीति की आखिरी पारी राजस्थान से ही खेली है. राज्यसभा सदस्य रहने के दौरान उन्होंने राजस्थान में एक-दो दौरे किए थे. उस दौरान उनके कई बयान चर्चाओं में थे. 


मनमोहन सिंह 19 अगस्त 2019 से लेकर 3 अप्रैल 2024 तक राजस्थान से राज्यसभा सदस्य रहे. उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद यहां से सोनिया गांधी ने निर्विरोध चुनाव जीता. 


अशोक गहलोत और सचिन पायलट की रही भूमिका
जब राजस्थान से मनमोहन सिंह को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया था, तब मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गहलोत ने बड़ी भूमिका निभाई थी. उन्होंने मनमोहन सिंह के नामांकन से लेकर सारा काम देखा था. सचिन पायलट उस समय राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे. उन्होंने भी सभी विधायकों को एकजुट किए रखा था. उसके बाद मनमोहन सिंह को दोबारा राज्यसभा नहीं भेजा गया था जबकि कुछ कांग्रेस नेता चाहते थे कि मनमोहन सिंह फिर से राजस्थान से ही राज्यसभा सदस्य बनें.


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