Rajasthan Lok Sabha Elections: पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह फिर से बीजेपी में शामिल हो गए हैं. मानवेंद्र सिंह बाड़मेर में पीएम की रैली के मंच पर आए. कुछ साल पहले ही वह बीजेपी छोड़ कर कांग्रेस से जुड़ गए थे और पिछला विधानसभा चुनाव सिवाना सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
जानकारी के लिए बता दें कि मानवेंद्र सिंह कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार में राज्य मंत्री का पद संभाल चुके हैं. लोकसभा चुनाव 2019 से पहले साल 2018 में जसोल ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. अब इस बार के लोकसभा चुनाव से पहले वह फिर बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
राजपूत वोट बैंक पर बीजेपी ने लगाई सेंध?
माना जा रहा है कि बीजेपी के इस दांव से राजस्थान में कांग्रेस को गहरी चोटी लगेगी और इसी के साथ बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रविंद्र सिंह भाटी की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जसोल के पास राजपूत समाज का समर्थन है, जो अब बीजेपी को मिल सकता है और इसी वोट बैंक के जरिए भाटी अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहते थे.
वसुंधरा राजे से अनबन के बाद छोड़ी थी बीजेपी
जानकारी के लिए बता दें कि मानवेंद्र सिंह ने राजस्थान में तीन बार चुनाव लड़ा, जिनमें से एक विधानसभा चुनाव तो दो लोकसभा चुनाव शामिल हैं. वहीं, मानवेंद्र सिंह ने इनमें से दो चुनाव बीजेपी के ही टिकट पर लड़े थे. कहा जा रहा था कि साल 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से लड़ाई के बाद उन्होंने बीजेपी से रिश्ता तोड़ दिया था.
मानवेंद्र सिंह की कांग्रेस से क्यों है नाराजगी?
दरअसल, साल 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मानवेंद्र सिंह को सिवाना सीट से टिकट दिया था, लेकिन अशोक गहलोत के करीबी रहे सुनील परिहार ने विद्रोह किया और निर्दलीय लड़ने का ऐलान कर दिया. नतीजतन मानवेंद्र सिंह यहां से हार गए और तीसरे स्थान पर आए.
सुनील परिहार के कांग्रेस जॉइन करने के बाद से ही मानवेंद्र सिंह नाराज दिखे और उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया. ऐसे में अब बाड़मेर में अब कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है.
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